भोपाल। देशभर में एक जुलाई से पुलिस की आपराधिक कार्रवाई से लेकर न्याय व्यवस्था से जुड़े कानून (New Criminal Laws) में बदलाव होने जा रहा है। नई व्यवस्था में सिर्फ कानून की धाराएं ही नहीं बदली हैं, बल्कि सजा और जुर्माने के प्रावधान में भी काफी बदलाव किया गया है।आने वाले समय में भारतीय दंड संहिता(आइपीएसी)की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस),क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी)की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस)और एविंडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा।
नए नियमों को लागू करने में जुटी भोपाल कमिश्नरी
भोपाल पुलिस कमिश्नरी भी इन नए कानूनों को अमल में लाने को लेकर सक्रिय हो गई है। गुरुवार से पुलिस कमिश्नरी में एक तरह से नए कानून (New Criminal Laws) को लेकर ट्रायल शुरू हो गया है। ये शुरूआत पुलिस अधिकारियों को प्रतिदिन के अपराध की जानकारी भेजी जाने वाली डेली रूटिन क्राइम रिपोर्ट से की गई है। जिसमें आइपीसी के साथ बीएनएस और बीएनएसस नए कानून की धारा लगाकर भेजी गई है। मकसद यह है कि ये काम आसानी से एक जुलाई से रूटीन में आ जाए।
पिछली साल संसद में मिली थी मंजूरी
बता दें कि भारतीय दंड संहिता-1860 में 16 दशक के बाद काफी बदलाव किए गए । पिछले साल इन तीनों कानूनों (New Criminal Laws)को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब अमल में लाया जा रहा है। इसको लेकर भोपाल पुलिस के साथ प्रदेश में जिला स्तर पर पुलिस कर्मियों को लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
23 फंक्शनल मोडिफिकेशन
30 जून की आधी रात को जैसे ही 12 बजेंगे,वैसे ही आइपीसी के तहत अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून खत्म हो जाएंगे। उसके बाद 1 जुलाई शुरू होते ही इनकी जगह बने तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे। इनमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 शामिल होंगे।
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चूंकि नए कानूनों में जांच,ट्रायल और अदालती कार्यवाहियों में तकनीक के इस्तेमाल पर खासा जोर दिया गया है,इसलिए पुलिस ने ऑनलाइन एफआईआर के लिए एनसीआरबी ने मौजूदा क्राइम एंड क्रिमनल ट्रेकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) में 23 फंक्शनल मोडिफिकेशन किए हैं। ताकि नए सिस्टम में भी आसानी से कंप्यूटर से एफआईआर दर्ज होने समेत सीसीटीएनएस संबंधित अन्य तमाम कार्य करने में कोई परेशानी न आए।