भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में नर्मदा के जल के लिए गठित मंत्रिमण्डल समिति के लिए गए निर्णयों और निर्देशों के पालन के लिए नई समिति बनाई गई है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में अन्तर्विभागीय कार्यकारिणी समिति का गठन किया गया है।(Narmada River)
अपर मुख्य सचिव समेत कई अधिकारी हैं सदस्य
इस समिति में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास और राजस्व विभाग सदस्य होंगे। वहीं प्रमुख सचिव योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी समिति के सदस्य को सचिव बनाया गया हैं।(Narmada River)
‘यह केवल नदी नहीं, सांस्कृतिक धरोहर’
दरअसल, हाल ही में मंत्रिमंडल की बैठक में सीएम मोहन ने कहा था कि पुण्य सलिता मां नर्मदा प्रदेशवासियों के लिए श्रद्धा, विश्वास और आस्था का केंद्र है। यह केवल नदी नहीं, हमारी सांस्कृतिक धरोहर है। उपभोक्ता आधारित जीवनशैली में प्रकृति और पर्यावरण को जो नुकसान पहुंचा है, उसके दुष्प्रभावों से नदियों और अन्य जल स्त्रोतों को बचाना आवश्यक है।(Narmada River)
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सीएम मोहन यादव ने कहा था कि राज्य सरकार ने मां नर्मदा के समग्र विकास का संकल्प लिया है और इस दिशा में निरंतर गतिविधियां जारी हैं। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी की लंबाई 1079 किलोमीटर है। नर्मदा के किनारे 21 जिले, 68 तहसीलें, 1138 ग्राम और 1126 घाट हैं। नर्मदा के किनारे 430 प्राचीन शिव मंदिर और दो शक्तिपीठ विद्यमान हैं।