भोपाल। मध्यप्रदेश में झमाझम बारिश (MP Weather Alert) का दौर लगातार जारी है। राज्य में अभी दो बड़े सिस्टम एक्टिव हैं, जिनसे कई स्थानों पर अति भारी बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को भोपाल और इंदौर समेत 31 जिलों में अच्छी बारिश होगी। इनमें रतलाम, मंदसौर और नीमच में हेवी रैन का रेड अलर्ट है।
उधर बारिश की वजह से कई स्थानों पर बाढ़ और जलभराव का खतरा पैदा हो गया है। जिससे निपटने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव ने सभी जिलों के कलेक्टरों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिये हैं। सीएम ने कहा है कि प्रदेश में सभी बाढ़ कंट्रोल रूम 24 घंटे अलर्ट रहें। अधिकारियों के बीच समन्वय में कोई कमी ना रहे। उनका जनता से सूचना का तंत्र मजबूत रहे।
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उफनाई नदियां
बीते दो हफ्तों से प्रदेश (MP Weather Alert) में हो रही लगातार बारिश से सभी नदी-नाले उफान पर हैं। नर्मदा, तवा, बेतवा, जोहिला, बारना और बाह्य नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कई पुल और रपटे इसमें डूब गए हैं, जिसकी वजह से एक जिले का दूसरे जिले संपर्क टूट गया है।
बांध हुए लबालब
नदियों में जलस्तर के बढ़ने से बांध भी लबालब हो गए हैं। नर्मदापुरम के तवा बांध (डैम) में जलस्तर बढ़ने से 9 गेट खोले गए। उमरिया के जोहिला नदी पर बने डैम के गेट भी सीजन में पहली बार खोले गए। इसके अलावा अशोकनगर में राजघाट डैम, जबलपुर में बरगी डैम, रायसेन के बारना डैम, विदिशा में हलाली डैम, छिंदवाड़ा में माचागोरा डैम के भी गेट भी वॉटर लेवल बढ़ने की वजह से खोले गए।
पानी से तरबतर राजधानी
बात करें राजधानी भोपाल की तो यहां रविवार की सुबह से तेज बारिश हो रही है। बड़ा तालाब फुल हो गया है। यहां के कलियासोत, कोलार और भदभदा डैम के गेट वॉटर लेवल बढ़ने के चलते खोले गए। इनमें से भदभदा गेट फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। कैचमेंट एरिया में बारिश होने के बाद इन्हें दोबारा खोला जाएगा।
अब तक इतनी बारिश
एमपी में 21 जून को मानसून की एंट्री हुई थी। तब से लेकर अब तक 44 दिनों में सीजन की आधे से ज्यादा (58 फीसदी) यानी 21.6 इंच बारिश हो चुकी है। यह आंकड़ा औसत बारिश (19 इंच) से 2.6 इंच ज्यादा। वहीं, सबसे ज्यादा बारिश के मामले में सिवनी जिला अव्वल है। यहां 32 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है जो कि कोटे से 11 इंच ज्यादा है। इसके अलावा नर्मदापुरम, भोपाल, रायसेन और छिंदवाड़ा राज्य के वो जिले हैं जहां 25 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम कब दबाव के क्षेत्र में बदल गया है। मानसून ट्रफ भी एक्टिव है। इन दोनों सिस्टम की स्ट्रॉन्ग एक्टिविटी की वजह से प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी से अति भारी बारिश होगी। सोमवार से ये दोनों सिस्टम कमजोर हो जाएंगे।