-वोटिंग प्रतिशत के गेप ने बढ़ाई टेंशन
-जीत की राह इतनी आसान नहीं
-बीजेपी के सामने क्‍या कमजोर है कांग्रेस !
– लोकसभा की जीत तय करेगी भविष्‍य

भोपाल, मनोज राठौर। मध्‍यप्रदेश में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं।वोटिंग प्रतिशत के गेप ने कांग्रेस की टेंशन को बढ़ा दिया है। इस बार जीत की राह आसान नहीं है। भोपाल से हमारी इस खास रिपोर्ट में देखिए वोटिंग प्रतिशत की टेंशन कांग्रेस को क्‍यों सता रही है…लोकसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी अपनी नई टीम के साथ चुनावी रण में है। चुनाव आयोग के डाटा ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। ये डाटा बता रहे हैं कि पिछले तीन लोकसभा चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ा और कांग्रेस का घटा है।

-2019 का लोकसभा चुनाव
बीजेपी को 58 प्रतिशत और कांग्रेस को 34.50 प्रतिशत वोट मिले थे
इनके बीच 23 प्रतिशत का अंतर रहा
-2014 का लोकसभा चुनाव
बीजेपी को 54.02 प्रतिशत और कांग्रेस को 34.89 प्रतिशत वोट मिले थे
इनके बीच 19.13 प्रतिशत वोट बीजेपी को अधिक मिले
-2009 का लोकसभा चुनाव
बीजेपी को 43.45 प्रतिशत और कांग्रेस को 40.14 प्रतिशत वोट मिले थे
-2004 का लोकसभा चुनाव
बीजेपी को 48.13 प्रतिशत और कांग्रेस को 34.06 प्रतिशत वोट मिले थे
-1999 का लोकसभा चुनाव
बीजेपी को 46.58 प्रतिशत और कांग्रेस को 43.91 प्रतिशत वोट मिले थे

 

2009 का बीजेपी को कांग्रेस की तुलना में सिर्फ 3.13 प्रतिशत वोट ही अधिक मिले थे। साथ ही 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस की तुलना में 8.15 प्रतिशत वोट ही अधिक मिले। 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के मत प्रतिशत में एक से भी कम का अंतर था। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से छिंदवाड़ा छोड़ 28 बीजेपी की झोली में आई थीं। कांग्रेस अपने वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाने के लिए बूथ स्‍तर की पकड़ को मजबूत करने में जुटी है। नई टीम नई रणनीति के साथ तेजी से काम कर रही है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का कहना है कि कांग्रेस का टारगेट है कि संगठन मजबूत हो। लोकसभा चुनाव को लेकर मीटिंग होती रहती हैं। हर घर तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।

-जीतू पटवारी, प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष

बसपा को छोड़ दें तो पिछले दो लोकसभा चुनाव में किसी भी दल को एक प्रतिशत से कम मत ही मिले। निर्दलीय जरूर लगभग चार प्रतिशत वोट ले जाते हैं। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन का असर कितना पढ़ेगा, ये भी देखना होगा। बीजेपी नेताओं का कहना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सुपड़ा साफ हो जायेगा। इस बार बीजेपी छिंदवाड़ा में कमलनाथ के गढ़ को ढहाकर सभी 29 सीटें जीतने की पूरी कोशिश कर रही है।

-गुलरेज शेख, प्रदेश बीजेपी प्रवक्‍ता

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस नई टीम के साथ खुद की जमीन को मजबूत करने में जुट गई है। कांग्रेस के सामने चुनौतियां कई है। नई टीम को समय भी कम मिला है। इसलिए बीजेपी इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस से कई कदम आगे और मजबूत नजर आ रही है।