भोपाल। मध्यप्रदेश के धार्मिक स्थलों में शराब बिक्री को लेकर सीएम मोहन यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि धार्मिक नगरों में शराबबंदी को लेकर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। सीएम ने कहा कि साधु-संतों ने हमसे शराबबंदी की मांग की है, जिस पर विचार किया जा रहा है। जल्द ही आबकारी नीति में बड़ा बदलाव किया जाएगा। (MP News)
आज यानी सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने धार्मिक शहरों में शराबबंदी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि साधु-संतों समेत अन्य लोगों ने सुझाव दिया है कि धार्मिक नगरों में शराब की बिक्री पर रोक लगाई जाए। उनके इस सुझाव पर हमारी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। (MP News)
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आबकारी नीति में होगा संशोधन!
धार्मिक नगरों में शराब दुकान बंद करें, जिससे वहां का धार्मिक खराब न हो। हमारी कोशिश की है कि इन स्थानों में शराब ब्रिकी को लेकर जो लोगों की शिकायत आती हैं, उस दिशा में हम ठोस कदम उठा पाएं। हम गंभीर हैं और बहुत जल्द ही इस दिशा में निर्णय लेंगे। हमारी सरकार आबकारी नीति में संशोधन करने पर विचार कर रही है।
बता दें कि इससे पहले सितंबर 2024 में मोहन कैबिनेट ने नर्मदा नदी के किनारे स्थित शहरों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस और शराब के सेवन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था। सीएम मोहन यादव ने इसे लेकर कहा था कि राज्य के अनूपपुर जिले के अमरकंटको को पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। नर्मदा नदी के किनारे बसे धार्मिक शहरों और स्थानों में मांस और शराब का सेवन न हो, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा केवल एक नदी नहीं बल्कि राज्य की सांस्कृतिक विरासत है। इसकी पवित्रता को बनाए रखने के लिए हम सख्त कदम उठाएंगे। मोहन यादव ने कहा कि नर्मदा नदी राज्य के लोगों के लिए भक्ति, आस्था और श्रद्धा का केंद्र है।