जबलपुर। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर रोक लगाने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया। इनमें कंगना रनौत की मणिकर्णिका प्रोडक्शंस, केंद्र सरकार, राज्य सरकार,सेंसर बोर्ड समेत अन्य शामिल हैं।(MP High Court)

‘ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर दिखाया’

याचिका में इस तथ्य का उल्लेख किया गया है कि इमरजेंसी फिल्म की रिलीज से पहले ही देशभर के सिख समुदाय में आक्रोश है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापनों की भरमार हो गई है। जिनमें आरोप लगाया गया है कि फिल्म में सिख समुदाय को गलत तरीके से चित्रित करने की आशंका है। इसीलिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में भी याचिका दायर कर रिलीज रोकने पर बल दिया गया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि फ़िल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर दिखाया गया है।इससे सिख समुदाय के लिए समाज में ग़लत छवि बनेगी।(MP High Court)

‘सिख समुदाय के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता’

वहीं, सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सिख समुदाय पर बड़ी टिप्पणी की। एक्टिंग चीफ जस्टिस ने कहा, ‘सिख कम्यूनिटी ने कोरोना काल के दौरान आगे आकर सेवा की है। मैंने दिल्ली में देखा है। सिखों ने गुरुद्वारों में ऑक्सीजन से लेकर खाना उपलब्ध कराया है। कोरोना काल में सिख समुदाय सेवा करने में सबसे आगे था, उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।’ जिसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई अब कल होगी।(MP High Court)

विवादों में घिरी कंगना की ‘इमरजेंसी’

दरअसल, बीजेपी सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी रिलीज़ से पहले ही विवादों में घिर चुकी है। मूवी को 6 सितंबर को रिलीज़ होना था, लेकिन इससे पहले देश के कई हिस्सों में इसकी बैन को लेकर मांग उठने लगी। ये मांग ज्यादातर सिख समुदाय की ओर से उठाई जा रही है, जिनका आरोप है कि ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से दिखाया गया है।(MP High Court)

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कल फिर सुनवाई

इसी क्रम में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई है, जिसकी आज सुनवाई हुई। इमरजेंसी पर रोक की मांग मामले में मंगलवार को सुबह फिर सुनवाई होगी।