भोपाल। मध्यप्रदेश (MP News) में एक के बाद एक नये जिले बनाए जा रहे हैं। साल 2000 में हुए राज्य के विभाजन के बाद से अब तक 10 नए जिले बन चुके हैं। हाल ही में राज्य सरकार ने जुन्नारदेव विधानसभा को छिंदवाड़ा से अलग कर नया जिला बनाने की तैयारी कर ली है। जिसके बाद एमपी में जिलों की संख्या 56 हो गई है।
इसके साथ ही राज्य में भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर बदलाव होने जा रहा है। दरअसल, राज्य की मोहन यादव सरकार विकास खंड, तहसील और जिलों की सीमाएं निर्धारित करने की योजना बना रही है। इसके लिए जल्द ही वह प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन भी करेगी जो कि भौगोलिक आधार पर जिले की सीमाओं का निर्धारण करेगा।
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होगा बड़ा बदलाव
अब मोहन सरकार (MP News) इन जिलों की सीमाओं को बदलने जा रही है। दरअसल, नए जिलों के गठन के दौरान कई गड़बड़ियां सामने आईं थीं। साथ ही लंबे समय से राज्य के कई जिलों में वन क्षेत्र, राजस्व, निकायों में विसंगतियों को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि आवाज उठाते रहे हैं। पंचायत चुनाव के दौरान भी इसको लेकर कई बार मांग उठ चुकी है।
प्रदेश में ऐसे बहुत से स्थान हैं जिनकी जिला मुख्यालय से दूरी बहुत ज्यादा है। जबकि दूसरा जिला मुख्यालय उनके बिल्कुल करीब है। उदाहरण के तौर पर बुदनी शहर है तो नर्मदापुरम के करीब लेकिन आता सीहोर जिले में है। ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों की जिला मुख्यालय से दूरी बहुत ज्यादा (150 किमी) हो जाती है। यहां भी सालों से भौगोलिक सीमा में बदलाव की मांग उठ रही है।
आयोग का गठन जल्द
ऐसी ही विसंगतियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार जल्द ही प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग का गठन करेगी। जो कि भौगोलिक आधार पर जिले की सीमाओं को निर्धारण करेगा।
जानकारी के मुताबिक इसका जल्द ही गठन होने जा रहा है। जिसके बाद अब मध्यप्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र के आधार पर विकास खंड, तहसील और जिलों की सीमाएं निर्धारित की जाएंगी। आयोग प्रदेश के जिलों की भौगोलिक स्थितियों का अध्ययन करेगा और स्थानीय जन, प्रबुद्ध व्यक्तियों और अधिकारियों से सुझाव के बाद विसंगतियों में सुधार करेगा।
जानकारी के मुताबिक राज्य की मोहन यादव सरकार ने लोकहित एवं जनसुविधा को ध्यान में रखकर संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद की सीमाओं में बदलाव करने की कार्यवाही के लिए यह निर्णय लिया है।
नए जिले भी होंगे प्रभावित
जल्द ही इस आयोग के गठन एवं इसके अध्यक्ष की अधिसूचना जारी की जाएगी। संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद आदि की सीमाओं के बदलने से शिवराज सरकार में गठित नए जिलों की सीमाएं भी प्रभावित होंगी।
तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सतना जिले से मैहर, छिंदवाड़ा जिले से पांढुर्णा, रीवा जिले से मऊगंज और टीकमगढ़ से अलग कर निवाड़ी को जिला बनाया गया था। अब जुन्नारदेव को भी जिला बनाने की तैयारी चल रही है। प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग इन नए जिलों की सीमाओं का अध्ययन कर इनमें जरुरी सुधार करेगा।