भोपाल, प्रखर जैन। चुनाव के बाद भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक तरफ चुनाव के नतीजों के नतीजों के बाद की उठापटक की चुनौती तो वहीं बीते कई दिनों से थमा दलबदल का शोर फिर उठ गया है। अब पार्टी के एक अल्पसंख्यक पदाधिकारी ने इस्तीफा तो दिया ही साथ ही गंभीर आरोप भी लगा दिए। देखिए रिपोर्ट…

– पार्टी से जारी नेताओं का मोहभंग
– बुजुर्गों के बाद अब युवा नेतृत्व से युवा भी नाराज
– महिला सम्मान, कार्यकर्ता सम्मान की कांग्रेस में नहीं कोई जगह!
– मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है एमपी में कांग्रेस?

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं का पार्टी से मोहभंग होता हुआ नजर आ रहा है। कांग्रेस अल्पसंख्यक नेता अलमास सलीम ने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पद और पार्टी दोनों से ही इस्तीफा दे दिया था। अलमास सलीम ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी को त्यागपत्र लिखते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी पर मुस्लिम तुष्टिकरण और नेतृत्व पर उपेक्षा जैसे गंभीर आरोप लगाए।

अलमास सलीम ने प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व पर पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ दुर्व्यवहार के भी आरोप लगाए हैं। अलमास सलीम का कहना है कि मौजूदा समय में पार्टी के मुख्य पदाधिकारियों के रवैये से उनका मोहभंग हो गया है। इशारे-इशारे में उन्होंने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर भी हमला बोला, लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी को कई बड़े झटके लगे। 3 विधायकों समेत 30 से ज्यादा बड़े नेता और लगभग 3 लाख कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और अब चुनाव के बाद जब कांग्रेस पार्टी अपने संगठन को मजबूत करने में लगी है तो ऐसे में फिर एक बार अलमास बड़े झटके के तौर पर उभरकर सामने आए हैं।

अलमास सलमीम बेशक प्रदेश के राजनीतिक ध्रुव का कोई बहुत बड़ा चमकता तारा नहीं हैं। बेशक राजनीति में उनके जाने या रहने से कोई बहुत बड़ा फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन जिस अभी तक संघर्ष कांग्रेस पार्टी में वरिष्ठ बनाम युवा की दिखाई दे रही थी। लेकिन अलमास जो की चुनाव में पार्टी के सबसे अहम जिम्मेदार पदों में से एक वॉर रूम में जिम्मेदारी संभाल रहे थे। ऊपर से पार्टी के युवा चेहरों में भी शुमार थे। तो ऐसे में ये सवाल अब प्रदेश की राजनीति में उठने लगे हैं की क्या जीतू का नेतृत्व पार्टी की कमान नहीं संभाल पा रहा।