भोपाल, प्रखर जैन। क्या कांग्रेस पार्टी में विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद दिग्गज साइड लाइन किये जा रहे हैं। और कमलनाथ और दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेता अपने-अपने क्षेत्र तक ही सीमित होकर रह गए हैं। अगर नहीं तो क्यों फिर चाहे न्याय यात्रा हो या फिर दिग्गजों के दौरे बड़े पुराने नेता गायब दिखाई दे रहे हैं। देखिए ये रिपोर्ट…

– एमपी काँग्रेस में गायब होते हुए दिग्गज
– नेतृत्व परिवर्तन के बाद हुआ काँग्रेस में पीढ़ी परिवर्तन
– अपने अपने क्षेत्रों में सीमित हुए दिग्गज
– नाथ छिंदवाड़ा तो दिग्गी राजगढ़ तक ही हुए सीमित
– दिग्गजों ने न्याय यात्रा में भी की एक या दो दिन की मुंह दिखाई की रस्म
– दिग्गजों की चुनावी सभाओं में भी केवल जीतू और सिंघार आ रहे नजर

मध्यप्रदेश में कांग्रेस संगठन लगातार सियासी सवालिया घेरे में नजर आता है। विधानसभा चुनाव के पहले परिवारवाद तो वहीं अब विधानसभा चुनाव के बाद निपटाने की राजनीति के आरोप भी पार्टी संगठन पर लगातार लगते रहे हैं। लोकसभा चुनाव का मौसम अब जब परवान चढ़ रहा है तब ये सवाल और भी तेजी से पूछा जाने लगा है कि आखिर काँग्रेस पार्टी के दिग्गज कहाँ हैं? फिर चाहे राहुल गांधी की न्याय यात्रा हो या फिर चुनावी सभाएं ही क्यों ना हो काँग्रेस पार्टी के दो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह नदारद दिखाई देते हैं। नाथ और दिग्गी के अलावा भी पार्टी के कई और पुराने और बड़े नेता नदारद दिखाई दे रहे हैं। फिर चाहे भूरिया हों या फिर मरकाम इक्का दुक्का जगहों को छोड़ दिया जाए तो कोई भी पुराने और दिग्गज नेता दिखाई नहीं देते। वहीं अरुण यादव जैसे नेताओं की नाराजगी तो टिकट वितरण के समय पार्टी आला कमान के सामने खुलकर जाहीर हो ही चुकी है।

राहुल की भारत जोड़ों न्याय यात्रा से लेकर के लोकसभा चुनाव के लिए राहुल की सभाओं तक भी देखा जाए तो एक समय हर बड़े कार्यक्रम मे शामिल होने वाले नाथ-दिग्गी की जोड़ी नदारद दिखाई देती रही। ताज़ा मामला अगर देखा जाए तो मंडला में राहुल गांधी की सभा होती है। एक तरह से देखा जाए तो लोकसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी की एमपी में पहली ही सभा थी। लेकिन इस सभा से भी दोनों दिग्गज गायब रहे, जब राहुल मंडला में रैली कर रहे थे तब एक तरफ कमलनाथ छिंदवाड़ा तो वहीं दिग्विजय सिंह राजगढ़ में ही थे। वहीं सभा और रैली से लेकर न्याय यात्रा तक राहुल के दायें बाएं काँग्रेस नेतृत्व में आई नई पीढ़ी यानि कांग्रेस की जीतू-उमंग की नई जोड़ी दिखाई देने लगी है। वहीं पुरानी जोड़ी यानि नाथ-दिग्गी की जोड़ी अपने अपने क्षेत्रों तक ही सीमित है यानई एक तरफ कमलनाथ अपने बेटे नकुल के लिए छिंदवाड़ा में जनता से भावनात्मक अपील कर रहे हैं। तो राजगढ़ में दिग्गी अपने चुनाव के लिए पदयात्रा कर रहे हैं। वहीं नई जोड़ी यानि जीतू-सिंघार राहुल के साथ डिनर कर रहे हैं।

विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश में काँग्रेस पार्टी की तस्वीर पूरी तरह से बदली -बदली दिखाई दे रही है। पिछले 3 महीनों में कॉंग्रेस ने सबसे बड़ा नेतृत्व परिवर्तन के बाद पीढ़ी परिवर्तन भी देखा है। हालांकि का नियति का शाश्वत नियम है बदलाव। काँग्रेस पार्टी में हुए बदलाव के बाद हर बड़े कार्यक्रम में अनिवार्य जोड़ी यानि नाथ-दिग्गी की जोड़ी की जगह अब जीतू-उमंग की जोड़ी ने ले ली है। खैर पार्टी तो अपने स्तर पर डेढ़ दशक से ऊपर की असफलताओं और घटते जनाधार की अपनी स्तिथि को बदलने की हर कोशिश कर रही है। ऐसे में देखना होगा की बड़े नेताओं को उनके क्षेत्र में सीमित करना कितना प्रभावी होता है।