नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी का यह 112वां और तीसरे कार्यकाल की दूसरा ‘मन की बात’ प्रोग्राम है। इस दौरान उन्होंने पेरिस ओलंपिक और आम बजट 2024 पर अपनी बात भी रखी। इसके आलावा उन्होंने चुनाव आयोग को सफल चुनाव कराने पर बधाई भी दी।(Mann ki Baat 112th Episode)

अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाइए’

पीएम मोदी ने कहा, ‘इस समय पूरी दुनिया में पेरिस ओलंपिक छाया हुआ है। ओलंपिक हमारे खिलाड़ियों को विश्व पटल पर तिरंगा लहराने का मौका देता है, देश के लिए कुछ कर गुजरने का मौका देता है। आप भी अपने खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाइए, चीयर फॉर भारत।(Mann ki Baat 112th Episode)

हमारी टीम ने 4 गोल्ड मेडल और सिल्वर जीता’

उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ दिन पहले मैथ्स की दुनिया में भी एक ओलंपिक हुआ है। इंटरनेशनल मैथमेटिक्स ओलंपियाड। इस ओलंपियाड में भारत के स्टूडेंट्स ने बहुत शानदार प्रदर्शन किया है। इसमें हमारी टीम ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल जीता है।(Mann ki Baat 112th Episode)

हरियाणा के रोहतक जिले की महिलाओं की तारीफ

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “हरियाणा के रोहतक ज़िले की ढ़ाई-सौ से ज़्यादा महिलाओं के जीवन में समृद्धि के रंग भर दिए हैं। हथकरघा उद्योग से जुड़ी ये महिलाएं पहले छोटी-छोटी दुकानें और छोटे-मोटे काम कर गुज़ारा करती थीं। लेकिन हर किसी में आगे बढ़ने की इच्छा तो होती ही होती है। इसलिए इन्होंने ‘उन्नति स्वयं सहायता समूह’ से जुड़ने का फैसला किया, और इस समूह से जुड़कर उन्होंने ब्लॉक प्रिंटिंग और रंगाई में प्रशिक्षण हासिल किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कपड़ों पर रंगों का जादू बिखेरने वाली ये महिलाएं आज लाखों रुपए कमा रही हैं। इनके बनाए बेड कवर, साड़ियां और दुपट्टों की बाज़ार में मांग है।”

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यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में असम का चराईदेउ मैदाम

उन्होंने कहा, “असम के चराईदेउ मैदाम को UNESCO विश्व विरासत स्थल में शामिल किया जा रहा है। इस लिस्ट में यह भारत की 43वीं, लेकिन पूर्वोत्तर की पहली साइट होगी।चराईदेउ का मतलब है पहाड़ियों पर चमकता शहर, यानी पहाड़ी पर एक चमकता शहर। ये अहोम राजवंश की पहली राजधानी थी। अहोम राजवंश के लोग अपने पूर्वजों के शव और उनकी कीमती चीजों को पारंपरिक रूप से मैदाम में रखते थे। मैदाम, टीले नुमा एक ढांचा होता है जो ऊपर मिट्टी से ढका होता है और नीचे एक या उससे ज़्यादा कमरे होते हैं। ये मैदाम, अहोम साम्राज्य के दिवंगत राजाओं और गणमान्य लोगों के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने का ये तरीका बहुत यूनिक है। इस जगह पर सामुदायिक पूजा भी होती थी।’