रायपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को दुनिया की सबसे बड़ी शिवलिंग की प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है। रिकॉर्ड बुक में ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है। सीएम विष्णु देव साय ने इस खास उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए इसे प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम बताया। (Largest Natural Shivling)

सीएम को सौंपा सर्टिफिकेट

गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री साय से मुलाकात कर उन्हें वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा। इस मौके पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित थीं। (Largest Natural Shivling)

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बता दें कि हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाईट https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को सम्मिलित किया गया था। इसके बाद मधेश्वर पहाड़ के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज होना जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है। बता दें कि जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है जो easemytrip वेबसाइट में शामिल हुआ है। इससे पर्यटकों को जशपुर के पर्यटन स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी और जिले में टूरिज्म तेजी से बढ़ेगा।

रोमांच और आस्था का संगम है मधेश्वर पहाड़

जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में स्थित मधेश्वर पहाड़, शिवलिंग के आकार की अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना के लिए फेमस है। यह स्थान लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहाँ स्थानीय लोग इसकी विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजा करते हैं।

यह पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से अहम है, बल्कि पर्वतारोहण और एडवेंचर से भरे स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय होता जा रहा है। यहां हर साल बड़ी संख्या में राज्य व देश के अलग-अलग हिस्सों से पर्यटक आते हैं और प्रकृति के साथ जुड़ने का अनुभव करते हैं। जशपुर जिले में पर्यटन और रोमांचक खेलों के विकास की असीम संभावनाएँ मौजूद हैं।