जबलपुर। मेडिकल प्री पीजी रूल्स 2019 को चुनौती वाली याचिका पर हाईकोर्ट ने मेडिकल छात्रा को राहत दे दी है। एक्टिंग चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने उड़ीसा की रहने वाली मेडिकल छात्रा डॉ. अनन्या नंदा की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार, डीएमए और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन को नोटिस भी जारी किया है।(High Court Decision)

रैगिंग से परेशान छात्रा हुई थी डिप्रेशन का शिकार

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज में छात्रा को 2022 में सीट आवंटित हुई थी। जिसके बाद रैगिंग और सीनियर्स से परेशान होकर छात्रा डिप्रेशन का शिकार हो गई थी। जिसको लेकर परिजनों ने छात्रा को वापस उड़ीसा ले जाने के लिए विद्यालय प्रबंधन से सर्टिफिकेट्स मांगे थे, लेकिन कॉलेज के डीन ने बीच सत्र में सीट छोड़ने के लिए छात्रा से 30 लाख रुपए मांगे थे।(High Court Decision)

2019 में प्रदेश सरकार ने बनाया था नियम

दरअसल, 2019 में प्रदेश सरकार ने नियम बनाया था कि बीच सत्र में सीट छोड़ने पर पैसा देना होगा। इन नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इतना ही नहीं छात्रा के परिजनों ने इस विवादित नियम को लेकर राष्ट्रपति ,पीएम मोदी और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा था।(High Court Decision)

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संसद में भी उठा था मुद्दा

मामला इतना बढ़ गया था कि ये मुद्दा संसद में भी उठाया गया था।बीते दिनों IMC ने भी मध्य प्रदेश सरकार को इस नियम को बदलने के लिए पत्र लिखा था। जब कोई राहत नहीं मिली तो छात्रा ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। जिसके बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए 9 सितंबर तक छात्रा के सभी दस्तावेज वापस करने के आदेश दिए।