इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में डीएफओ (वन मंडल अधिकारी) ने सुसाइड कर लिया। शुक्रवार (13 दिसंबर) की शाम को उनका शव उनके सरकारी आवास पर मिला। शुरूआती जानकारी के अनुसार, सुसाइड की वजह पारिवारिक विवाद को बताया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलते ही पलासिया थाना पुलिस उनके नवरतन बाग स्थित सरकारी आवास पर पहुंची। इसके बाद मर्ग कायम कर मामले की जांच में जुट गई है। जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके हैं। (Indore News)

पुलिस के मुताबिक महेंद्र सिंह सोलंकी दिन में 12 बजे से घर पर ही थे। वे विभाग की एक बैठक में भी तबीयत का हवाला देते हुए शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने अपने सहायक से दवाईयां भी मंगाई थीं। (Indore News)

एएसपी सीपी अमित सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि DFO महेंद्र सिंह सोलंकी ने शुक्रवार शाम लगभग साढ़े चार बजे घर में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। उन्होंने डीएफओ बघेल के किसी भी मीटिंग में शामिल न होने की बात कही।

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फंदे पर लटका मिला शव

मिली जानकारी के मुताबिक डीएफओ सोलंकी करीब 12.30 बजे अपने घर के ऊपर वाले फ्लोर पर बने कमरे में आराम करने गए थे। जिसके बाद से वो नीचे ही नहीं आए। उनके बुजुर्ग माता-पिता घर पर ही मौजूद थे। उन्होंने नौकर से सोलंकी को बुलाने के लिए कहा। जब नौकर ने कमरे में आवाज लगाई तो कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला, उन्हें सोया हुआ जानकर नौकर वहां से वापस आ गया। जब कुछ देर बाद उन्हें बुलाने वह वहां गया तो उसे शक हुआ। जिसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो अंदर DFO का शव फंदे पर लटका हुआ मिला।

खरगोन के रहने वाले थे डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी

मिली जानकारी के मुताबिक डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी खरगोन जिले के रहने वाले थे। वह पिछले दो साल से इंदौर में ही पदस्थ थे। सात महीने बाद यानी जून में वह सेवानिवृत्त (रिटायर) होने वाले थे। वह इंदौर स्थित अपने सरकारी आवास में माता-पिता और पत्नी के साथ रहते थे। सोलंकी का एक बेटा और एक बेटी है। बेटी एमबीबीएस कर रही है, वहीं पत्नी शिक्षा विभाग में कार्यरत थी वह भी कुछ महीने पहले ही वह रिटायर हुई थीं।