इंदौर। इंदौर के युगपुरुष धाम आश्रम (Indore Divyang Ashram Case) में पांच बच्चों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है। वहीं मंगलवार को मामले की जांच के लिए पहुंचे एसडीएम ओपी नारायण का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वो आश्रम की संचालिका के साथ ठहाके लगाते दिखाई दे रहे हैं। उनकी इस शर्मनाक हरकत पर हर जगह उनकी आलोचना हो रही है। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने भी इस पर एक्शन लेते हुए उन्हें हटा दिया है।
एसडीएम की शर्मनाक हरकत
एक तरफ बच्चे अस्पताल (Indore Divyang Ashram Case) में एक के बाद एक दम तोड़ रहे थे वहीं दूसरी तरफ जांच के लिए आश्रम में जांच के लिए एसडीएम ठहाका लगा रहे थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिस काम के लिए वह वहां गए थे उसे लेकर वो कितने गंभीर थे।
वह जांच करने की जगह आश्रम प्रबंधन के साथ बात करने में ही मशगूल रहे। जबकि उनका काम उन वजहों को तलाशना जिसकी वजह से वो दिव्यांग बच्चे जो अपनी तकलीफ भी किसी को न बता सकें उन्होंने अपनी जान गंवाई।
विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश, डिप्टी सीएम बोले- आर्थिक वृद्धि के नए सोपान तय करेगा मध्य प्रदेश
सीएम मोहन ने की आलोचना
सीएम मोहन यादव ने भी एसडीएम के इस वायरल वीडियो को गंभीरता से लिया। उन्होंने एसडीएम के इस व्यवहार को असंवेदनशील बताया। उन्होंने मामले पर कहा कि बच्चों के निधन का समाचार ह्रदय विदारक है। मैं बाबा महाकाल से दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करने और बीमार सभी बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
इंदौर पहुंचे मोहन कैबिनेट के मंत्री
वहीं, बीमार बच्चों से मुलाकात करने बुधवार मोहन कैबिनेट के दो मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसीराम सिलावट चाचा नेहरू अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने पीड़ित बच्चों से मुुलाकात की। इस दौरान मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि, यह घटना कैसे हुई इसका जांच की जा रही है। फिलहाल आश्रम में पानी और खाने की व्यवस्था बाहर से की जा रही है। आश्रम के फूड और पानी के सैंपल लेकर जांच कराई जा रही है।
प्रबंधन की लापरवाही आई सामने
5 दिव्यांग बच्चों की मौत के मामले में आश्रम प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। दरअसल, 30 जून को आश्रम में जो पहली मौत हुई थी उसका कारण आश्रम ने मिर्गी को माना था। साथ ही इसकी सूचना प्रशासन को नहीं दी थी। इसके बाद दो बच्चों की मौत और हो गई। इनकी मौतों की जानकारी छिपाने का नुकसान यह हुआ कि दो और बच्चों की मौत हो गई। कलेक्टर के मुताबिक यदि प्रबंधन पहले ही यह जानकारी प्रशासन के साथ शेयर कर देता तो शायद इतनी मौतें नहीं होती।
जानकारी के मुताबिक अभी तक यह नहीं पता चल पा रहा है कि बच्चों ने अपनी जान कैसी गंवाई। लेकिन कहा जा रहा है कि बच्चों में फूड पॉइजनिंग के लक्षण पाए गए हैं। अस्पताल में भर्ती बच्चों की हालत गंभीर है। इंदौर कलेक्टर ने बताया कि आश्रम से खाने और बच्चों के खून के सैंपल लिए गए हैं।