छिंदवाड़ा। स्कूल चले हम, सर्व शिक्षा अभियान जैसी तमाम योजनाएं केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा लगातार चलाई जा रही हैं। इतना ही नहीं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए फ्री स्कूटी योजना, फ्री लैपटॉप जैसी योजनाएं भी बच्चों को पढ़ाई की ओर आकर्षित कर रही हैं। लेकिन सरकार की ये सारी योजनाएं और अभियान उस समय दम तोड़ देते हैं जब शिक्षा की नींव यानी कि प्राथमिक पाठशाला की छत से पानी टपकता है। ये सिर्फ छत से टपकता पानी नहीं है बल्कि ये शिक्षा व्यवस्था में ऐसा सुराख है जो बच्चों को पाठशाला में एक तरफ, एकाग्र होकर पढ़ने से रोक रहा है। (Government School)
पठार के शासकीय विद्यालय की टपकती छत
जिस टपकती छत की हम बात कर रहे हैं वो छिंदवाड़ा जिले के तामिया के अंतर्गत बिजोरी पठार के शासकीय एकीकृत विद्यालय के भवन की है। जिसमें जब बारिश का पानी टपकता है तो उससे बचने के लिए स्कूल में बकायदा पॉलिथीन लगाई जाती है और जब पानी फिर भी नहीं रुकता तो बच्चों को मजबूरन अपनी जगह से उठना पड़ता है।(Government School)
बारिश से पानी-पानी हो रही बच्चों की पढ़ाई
इस बारिश में भले ही बच्चों की पढ़ाई पानी-पानी हो रही हो, लेकिन जिम्मेदारों को बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं है। उनका कहना है कि वो आवेदन दे चुके हैं लेकिन ऊपर बैठे विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।(Government School)
हाईटेक युग में स्कूल में भरता है पानी
हाईटेक और डिजिटल युग में स्कूल की कक्षा में जब पानी भर जाता है तो बच्चे उसे खुद ही बाहर निकालते हैं। लेकिन समस्या अंगद के पांव की तरह अपनी जगह पर जमी हुई है, न तो प्रशासन कोई संज्ञान ले रहा है और न ही चुनावी समर में वादे करने वाले राजनेता।(Government School)
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आला अफसरों को अवगत कराने के बावजूद नहीं हुआ सुधार
हालांकि, स्कूल प्रबंधन ने इस समस्या से शिक्षा विभाग के अफसरों को अवगत करवाते हुए स्कूल भवन की मरम्मत की मांग की है। स्कूल प्रबंधन का कहना है स्कूल भवन की मरम्मत की मांग पर सिर्फ आश्वासन ही मिलता है आज तक मरम्मत नहीं हुई।