भोपाल। आज देश में आपातकाल को लेकर बीजेपी काला दिवस मना रही है। तो वहीं दूसरी ओर आपातकाल (Emergency and Narendra Modi) को लेकर लोगों की तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं। इन क्रियाओं- प्रतिक्रियाओं के बीच आपके दिमाग में एक बात जरूर आ रही होगी। आप सोच रहे होंगे कि आपातकाल को लेकर कई नेता अपना अनुभव साझा कर रहे हैं। इतना ही नहीं जो बीजेपी आपातकाल को लेकर आक्रामक रूप धारण करे है, उसके शीर्ष नेता यानी कि पीएम मोदी उस समय कहां थे और क्या कर रहे थे ?
बड़े नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था
दरअसल, सन 1975 में जब देश में आपातकाल (Emergency and Narendra Modi) लगा था तो उस समय लोगों से उनके अधिकार छीन लिए गए थे। मोरारजी देसाई,चन्द्रशेखर,आचार्य कृपलानी,जयप्रकाश नारायण,अटल बिहारी वाजपेयी,लालकृष्ण आडवाणी,मुलायम सिंह यादव,जॉर्ज फर्नांडीस,चरण सिंह और लालू यादव सरीखे नेता जेल में बंद कर दिए गए थे। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र उस समय भी सक्रिय थे।
मोदी ने प्रचार-प्रसार का जिम्मा संभाला
बता दें कि, आपातकाल के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभाई थी। उस दौरान प्रेस की स्वतंत्रता छीनी जा चुकी थी। कई पत्रकारों को मीसा और डीआईआर के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। सरकार की पूरी तरह से ये कोशिश थी कि लोगों तक सही जानकारी नहीं पहुंचे। उस कठिन समय में नरेंद्र मोदी और आरएसएस के कुछ प्रचारकों ने सूचना के प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी उठाई हुई थी।
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ट्रेनों में रखे गए जानकारी देने वाले साहित्य
इसके लिए उन्होंने अनोखा तरीका भी अपनाया। संविधान,कानून,कांग्रेस सरकार की ज्यादतियों के बारे में जानकारी देने वाले साहित्य गुजरात से दूसरे राज्यों के लिए जाने वाली ट्रेनों में रखे गए। उस समय यह एक जोखिम भरा काम था, क्योंकि रेलवे पुलिस बल को संदिग्ध लोगों को गोली मारने का निर्देश दिया गया था। लेकिन नरेंद्र मोदी और अन्य प्रचारकों द्वारा इस्तेमाल की गई तकनीक कारगर रही। जिसका परिणाम ये हुआ कि वो अपने मकसद में काययाब हो गए।