मंदसौर।  घोड़ों को नहीं घास, गधे खा रहे च्यवनप्राश…..ये कहावत हम अक्सर सुनते आ रहे हैं। लेकिन हम जिस घटना का जिक्र करने जा रहे हैं वहां घोड़े तो नहीं हैं, लेकिन गधे हैं…और हां इन गधों को च्यवनप्राश नहीं बल्कि गुलाब जामुन खिलाए गए। जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।(Donkeys fed Gulab Jamun)

गधों से चलवाया हल

दरअसल, मानसून आने के बाद भी मंदसौर में अच्छी बारिश नहीं हो रही थी। एक मान्यता के अनुसार अच्छी बारिश के लिए गधों से श्मशान में हल चलवाया गया था। श्मशान में नमक की बुआई की गई थी। इस टोटके के बाद बारिश हुई तो ग्रामीणों ने गधों को ढेर सारे जामुन खिलाए।(Donkeys fed Gulab Jamun)

श्मशान में नमक की बुआई

ग्रामीणों ने बताया कि राजपूत समाज के अध्यक्ष सोहन सिंह भदौरिया ने 7 दिन का तंत्र किया था। जिसमें गधों के जरिए श्मशान में नमक की बुआई की गई थी। जिसके बाद इलाके में झमाझम बारिश हुई। ग्रामीणों का मानना है कि उनके पूर्वजों ने यह टोटका बताया था, जब भी बारिश नहीं होती तो इस टोटके का सहारा लिया जाता है और यह काफी कारगर भी है। इस टोटके में ग्रामीण अर्धनग्न होकर गधे पर सवार होते हैं। गधे से हल जोतकर नमक और काले मूंग की बुआई करते हैं। इससे पहले पूरे श्मशान घाट पर गंगाजल छिड़क कर उसे पवित्र किया जाता है।(Donkeys fed Gulab Jamun)

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मंदसौर में झमाझम बारिश से खुश हुए किसान

इस टोटके के बाद गुरुवार को इंद्रदेव ने मेहरबान हुए और शहर में बारिश हुई। इससे आम लोगों समेत किसानों के चहरे पर भी खुशी छा गई। गधों वाला टोटका काम आने के बाद ग्रमीणों ने गधों को गुलाब जामुन खिलाए। पिछले साल भी जब बारिश नहीं हुई थी, तब भी ऐसा ही किया गया था और गधों को गुलाब जामुन खिलाए गए थे।