भोपाल। नए साल में मध्यप्रदेश सरकार नई पहल शुरू करने जा रही है। सीएम डॉ. मोहन यादव सीएम हाउस में जनता दरबार का आयोजन करने वाले हैं। इसके जरिए मौके पर ही लोगों की समस्याओं का समाधान होगा। मिली जानकारी के मुताबिक पहला जनता दरबार 6 जनवरी को लगेगा। सीएम सचिवालय ने इसकी तैयारी कर ली है। (CM Dr. Mohan Yadav)
सीएम मोहन यादव की इस पहल को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वे भी यूपी में जनता दरबार लगाकर सीधे लोगों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं। यूपी में बेहद लोकप्रिय योगी के जनता दरबार को ‘जनता दर्शन’ नाम दिया गया है। मप्र में इससे पहले दिग्विजय सिंह, उमा भारती और शिवराज भी जनता की शिकायतें सुनते रहे हैं। (CM Dr. Mohan Yadav)
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कैसा रहेगा पहला जनता दरबार?
मिली जानकारी के मुताबिक मोहन यादव सरकार का पहला जनता दरबार 6 जनवरी को लगेगा। सीएम सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे। इस दौरान सीएम उन्हीं शिकायतों को सुनेंगे जिनकी स्क्रूटनी की गई है। कहा जा रहा है इस दौरान ट्रांसफर-पोस्टिंग के आवेदन नहीं लिए जाएंगे। दरबार में ट्रांसफर-पोस्टिंग के आवेदन नहीं लिए जाएंगे। बीमार, जरूरतमंदो के आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें 500-600 लोगों के आने की संभावना जताई जा रही है।
जनता दरबार में वहीं लोग शामिल होंगे जिन्होंने पहले से शिकायतें की हैं। उनके आवेदनों को शामिल कर सीएम से मिलने के लिए बुलाया जाएगा। दरबार में संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद उनके निराकरण के लिए सीएम मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश देंगे।
सूत्रों के मुताबिक सीएम के जनता दरबार में इसका फीडबैक आने के बाद जरूरी संशोधन भी किए जाएंगे। जैसे हर बार दरबार क्या सोमवार को ही लगेगा? इसमें शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता होगी या नहीं। इसमें कितने लोगों का शामिल किया जाएगा? इन सब बिंदुओं पर विचार करके इसमें संशोधन किए जा सकते हैं।
क्या होगा फायदा?
जनता दरबार के फायदों की बात करें तो इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सीएम सीधे जनता से कनेक्ट होंगे। उन्हें जनता से फीडबैक मिलेगा। सरकार द्वारा चलाई जा रहीं योजनाओं की हकीकत पता चलेगी। वो पात्र व्यक्ति जो कि सरकार की योजनाओं से वंचित है उसे इस दरबार के जरिए फायदा मिलेगा।