भोपाल। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव का मंगलवार को निधन हो गया। वह पिछले 8 दिनों से उज्जैन के निजी अस्पताल में भर्ती थे।(CM Mohan Yadav News)
समाज सेवा करने वाले व्यक्ति के रूप में थी पहचान
मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव काफी सक्रिय रहकर समाज सेवा करने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते रहे हैं। उनका 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। मुख्यमंत्री के पिता पूनम चंद यादव ने अपने जीवन के संघर्ष की शुरुआत मिल में काम करते हुए की थी।(CM Mohan Yadav News)
पुत्र के सीएम बनने के बाद भी पुराने तरीके से ही जीते थे
उन्होंने अपने चारों बच्चों की शिक्षा और परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी। पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद अपने पुराने तरीके से ही जीवन को जीते रहे। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में राजनेता अधिकारी और परिवार से जुड़े लोग उज्जैन पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी उज्जैन के लिए रवाना हो गए हैं।(CM Mohan Yadav News)
साइकिल से करते थे शहर में भ्रमण
सीएम मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव साइकिल के भी शौकीन थे। वह पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी साइकिल पर ही उज्जैन शहर भर में भ्रमण करते रहते थे। वह कुछ हफ्ते पहले ही साइकिल से घूमते हुए दिखाई दिए। पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब लोगों ने उन्हें बधाई दी और कहा कि डॉक्टर मोहन यादव सीएम बन गए हैं, तब उन्होंने मजाकिया लहजे में कई लोगों से कहा, ”मोहन तो कुछ ना कुछ बनते ही रहता है”।(CM Mohan Yadav News)
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मुख्यमंत्री बेटे को भी घर से निकलते समय देते थे रुपए
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव जब भी अपने घर पर पिता से मिलते थे तो काफी लंबी बातें करते थे घर से बाहर जाते समय आज भी उनके पिता उनके हाथ में शगुन के कुछ रुपये रख देते थे। पिता पूनम चंद यादव अपने संयुक्त परिवार के बीच रहते थे और अपने परिवार के सभी सदस्यों को घर से बाहर जाते समय कुछ ना कुछ राशि जरूर हाथ में रखते थे। वह अपनी एकमात्र पुत्री कलावती यादव से भी बहुत प्रेम रखते थे। कलावती यादव उज्जैन नगर निगम की सभापति हैं।