बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वरिष्ठ नेता के निधन पर एक तरफ जहां राजनीतिक हल्कों में गम का माहौल है, तो वहीं दूसरी तरफ तमाम राजनेता उनसे जुड़े किस्से बयां करके उन्हें याद कर रहे हैं। ऐसा ही एक किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं जिससे ये पता चलता है कि प्रभात झा का व्यक्तित्व कैसा था?(BJP Leader Prabhat Jha)

किताबों को महत्व देते थे झा

अक्सर हम नेताओं को लोगों द्वारा गिफ्ट लेते देखा करते हैं। लेकिन हम प्रभात झा से जुड़े जिस किस्से को साझा करने जा रहे हैं वो इस बात का प्रमाण है कि वो किसी अन्य तोहफे से ज्यादा किताबों को महत्व दिया करते थे।(BJP Leader Prabhat Jha)

माल्या के तोहफे को लौटाया

दरअसल, बात अक्टूबर 2009 की है। उस समय कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और शराब कारोबारी विजय माल्या ने प्रभात झा को तोहफे में महंगी और विलायती शराब की बोतल भेजी थी। जिसको प्रभात झा ने उनको लौटाने के साथ ही एक पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में लिखा कि “मेरा न तो आपसे परिचय है और न ही मेरे आपसे अंतरंग संबंध हैं। मैं शराब का शौकीन भी नहीं हूं। आपने शराब की जगह किताब भेजी होती तो अच्छा होता।”(BJP Leader Prabhat Jha)

पत्रकारिता से करियर की शुरुआत, राज्यसभा सांसद समेत कई बड़े पदों पर रहे, लंबी बीमारी के चलते हुआ निधन

पत्र से लगाया जा सकता है व्यक्तित्व का अंदाज़ा

विजय माल्या के लिए लिखे गए प्रभात झा के ये शब्द उनके व्यक्तित्व को बताने के लिए काफी हैं। उनके इस पत्र से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने माल्या के तोहफे को सिर्फ इसलिए नहीं अस्वीकार कर दिया कि वो शराब की बोतल थी, बल्कि इसलिए भी क्योंकि उनके माल्या से कुछ खास संबंध नहीं थे।(BJP Leader Prabhat Jha)