मध्यप्रदेश बीजेपी में बूथ और मंडल अध्यक्षों के चुनाव के बाद अब जिला अध्यक्षों के नामों पर माथापच्ची चल रही है। बीजेपी ने अध्यक्षों को चुनने के लिए सामूहिक संतुष्टि वाला फार्मूला लागू किया है।
लॉबिंग के लिए भोपाल पहुंचे नेता
भोपाल बीजेपी मुख्यालय में पार्क में बैठे और इधर-उधर घूम रहे नेता कई जिलों से यहां पहुंचे। इनका मकसद अपने पसंद के जिला अध्यक्ष की पैरवी करने का है। इस भीड़ में कई जिला अध्यक्ष भी पहुंचे। जो फिर जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे। इतना ही नहीं, सरकार के कई मंत्री और बड़े नेता भी अपने पसंद के जिला अध्यक्षों के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
बीजेपी का संगठन पर्व
बीजेपी का संगठन पर्व चल रहा है। सबसे पहले सदस्यता अभियान चलाया गया। इसके बाद बूथ और मंडल अध्यक्षों के चुनाव संपन्न हुए। अब जिला अध्यक्षों का चुनाव चल रहा है। बीजेपी में जिला अध्यक्षों के नाम को लेकर रायशुमारी जारी है। संगठन सभी नेताओं की बात को सुना रहा और उस पर विचार भी कर रहा है।
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दिल्ली से तय होंगे नाम
प्रदेश बीजेपी के जिला अध्यक्ष पहली बार दिल्ली से तय किए जाएंगे। केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश संगठन को तीन-तीन नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजने को कहा है। पैनल में एक महिला दावेदार का नाम भी शामिल करना अनिर्वाय होगा। प्रदेश संगठन को ये नाम जिलों की चयन समितियां देंगी। इसके बाद प्रदेश संगठन इन नामों को हाईकमान को भेजेगा। इस बार नए चेहरों पर फोकस किया जा रहा है। अभी तक क्षेत्रीय नेता अपने हिसाब से जिला अध्यक्षों का चयन करते थे। लेकिन अब केंद्रीय नेतृत्व की गाइडलाइन के तहत जिला अध्यक्षों की उम्र का क्राइटेरिया भी तय किया गया है। 60 साल से ज्यादा उम्र के नेता जिला अध्यक्ष नहीं बन सकेंगे। साथ ही नए चेहरों को ज्यादा मौका दिया जाएगा।
तीन-तीन नामों का पैनल
बीजेपी के सभी 60 संगठनात्मक जिलों के पदाधिकारियों के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से तीन-तीन नामों का पैनल मांगा गया था। इस पैनल में कॉमन का चयन कर उसका पैनल बनाकर हाईकमान भेजा जाएगा। सांसद, विधायक, महापौर, वर्तमान और पूर्व जिला अध्यक्ष अपने 3-3 नामों का पैनल देंगे। इन पैनल में सामूहिक पसंद वाले नाम को चुना जाएगा। सभी के पैनल में जो नाम टॉप पर रहेगा, उस पर मुहर लगेगी। पैनल में सबसे ज्यादा नाम आने वाले नेता को फायदा मिलेगा। सभी के पैनल में कॉमन नाम पर मुहर लगेगी।
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कांग्रेस ने कसा तंज
बीजेपी जिला अध्यक्षों के चुनाव पर विपक्ष ने तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि, बीजेपी में आयातित नेताओं की वजह से असल कार्यकर्ताओं की पूछ परख कम हो गई है। ऐसे में जिला अध्यक्ष के चयन में पार्टी को दिक्कत आ रही है। बीजेपी के बड़े नेता अपने पसंद के नेता को जिला अध्यक्ष बनाने के लिए ताकत लगा रहे हैं।
नई कप्तानी का साल
जिला अध्यक्षों के चुनाव संपन्न होने के साथ साल 2025 बीजेपी में नई कप्तानी का साल रहने वाला है। 2024 के खत्म होने तक पार्टी में मंडल अध्यक्षों के चुनाव पूरे हो चुके हैं। जनवरी 2025 के पहले हफ्ते तक जिला अध्यक्षों का चुनाव पूरा हो जाएगा और 15 जनवरी यानी मकर संक्रांति तक प्रदेश अध्यक्ष का चयन हो चुका होगा। पार्टी में चुनाव की नीचे से ऊपर तक की प्रक्रिया का जो खाका तैयार हुआ है, उसमें जनवरी अंत तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान भी हो जाएगा।