भोपाल, मनोज राठौर | मध्‍यप्रदेश में बीजेपी के सदस्‍यता अभियान पर सियासत शुरू हो गई। बीजेपी के दावों को कांग्रेस भ्रम करार दे रही है। तो सदस्‍यता के आंकड़े पर बीजेपी माहौल बनाने की कोशिश कर रही। बीजेपी के दावे कितने सच्‍चे और कितने झूठे हैं।
छह अप्रैल को अपने स्थापना दिवस के दिन बीजेपी ने एक नहीं, दो नहीं बल्‍कि लाखों की संख्‍या में नए लोगों को पार्टी की सदस्यता दिलाई। सबसे बड़ी बात है कि बीजेपी ने दावा किया है कि सबसे ज्‍यादा कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी का दामन थामा है। बीजेपी ज्वाइनिंग टोली के संयोजक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 6 अप्रैल को एक ही दिन में 47179 बूथ पर 282282 नए सदस्य बीजेपी में शामिल हुए। नरोत्‍तम मिश्रा दावा कर रहे हैं कि इनमें 90 फीसदी कांग्रेस नेता हैं। बीजेपी में कांग्रेस के पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री, विधायक, महापौर समेत संगठन के कई बड़े पदाधिकारियों ने शामिल हुए। ऐसे में एक दिन में यदि इतनी बड़ी संख्‍या में कांग्रेसियों ने बीजेपी का दामन थामा है, तो ये कांग्रेस को कमजोर करने वाला है। इससे बीजेपी की ताकत में इजाफा होगा और सियासी तौर पर कांग्रेस को नुकसान। नरोत्‍तम मिश्रा ने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के कुल 336 लोगों के बीजेपी में जाने के दावे पर कहा क‍ि जितने जीतू पटवारी बता रहे हैं, उतने तो दीपक सक्सेना कार्यकर्ता के साथ आए थे। जितनी संख्या जीतू पटवारी ने बताई उतने तो पूर्व जनप्रतिनिधि हो चुके। हमारे दिल में और पार्टी में पर्याप्त जगह है। उन्‍होंने कहा कि ज्वाइनिंग अभियान आगे भी जारी रहेगा।

बीजेपी अपने आंकड़ों को लेकर अडिग है। तो कांग्रेस जरूर बीजेपी पर सवाल खड़े कर रही है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का कहना है कि बीजेपी सदस्यता अभियान के नाम पर जनता के बीच भ्रम फैला रही है। कांग्रेस के नेता जमीन पर बीजेपी से लड़ाई लड़ रहे हैं। जो नेता बीजेपी में गए, उन्‍हें कांग्रेस पहले ही बाहर कर चुकी है। बीजेपी इस चुनाव में भ्रम फैलाने का काम कर रही है। उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में अपनी सीटों की संख्‍या को बढ़ायेगी। विधानसभा चुनाव में मिले वोट के अनुसार कई फैक्‍टर कांग्रेस के पक्ष में है। उन्‍होंने दावा किया है कि कांग्रेस का कार्यकर्ता अभी भी पार्टी की विचारधारा के साथ खड़ा है। इन्‍हीं कार्यकर्ताओं के दम और मौजूदा समीकरण के लिहाज से कांग्रेस 15 से ज्‍यादा लोकसभा सीट जीतेगी।
बीजेपी में न्‍यू ज्‍वाइनिंग अभियान जारी है। ये आंकड़ा अभी और बढ़ेगा। इस अभियान में सबसे ज्‍यादा कांग्रेसियों की ज्‍वाइनिंग हो रही है। बीजेपी ने छह अप्रैल को अपने स्‍थापना दिवस के कार्यक्रम में एक लाख से ऊपर का संकल्‍प लिया था। हालांकि, ये आंकड़ा एक नहीं दो कदम आगे चला गया। बीजेपी का संगठन मजबूत है। इसमें कोई दो राय नहीं है। कांग्रेस भी अपने संगठन के दम पर चुनाव जीतने का दम भर रही है। लेकिन मौजूदा स्‍थिति में कांग्रेस बीजेपी से पीछे है। बीजेपी संगठन के मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि बीजेपी माइक्रो स्‍तर पर काम कर रही है। पार्टी की विचारधारा और विकास के एजेंड़े की वजह से कांग्रेसी बीजेपी का दामन थाम रहे हैं। कांग्रेसियों को उनकी पार्टी में घुटन महसूस हो रही है। वो वहां पर काम नहीं कर पा रहे हैं। उन्‍हें लग रहा है कि बीजेपी में रहते हुए वे विकास के साथ जन सेवा अच्‍छे से कर सकेंगे।
किसके दावों में कितना दम है। किसे कितनी सीट मिलेगी। कौन जीतेगा और कौन हारेगा। ये जनता तय करेगी। और जनता का एक वोट पार्टियों का भविष्‍य भी लिखेगा और लोकतंत्र को मजबूत भी करेगा। सभी दलों की कोशिश है कि उसे ज्‍यादा सीट मिले। सभी कोशिश भी कर रहे हैं। सबके अपने-अपने टारगेट और रणनीति है। सीधी टक्‍कर बीजेपी और कांग्रेस में है और इनके अपने-अपने दावे और वादे भी है। एमपी के सिंहासन पर जनता किसे बैठायेगी। ये परिणाम आने पर पता भी चल जायेगा।