भोपाल। दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिक आपदा ‘भोपाल गैस कांड’ के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के कचरे को हटाने की प्रोसेस अंतिम चरण में है। फैक्ट्री के गोदाम में रखे इस 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को 12 कंटेनरों में लोड किया जा चुका है। जो आखिरी काम बचा है उसे आज यानी बुधवार सुबह से पूरा किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कचरे से भरे इन कंटेनरों को आज ही पीथमपुर के लिए रवाना कर दिया जाएगा। इसके लिए भोपाल से इंदौर तक 250 किमी लंबा कॉरिडोर बनाया गया है। रात के समय कचरे को भिजवाने के पीछे का कारण बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि रात के समय सड़क पर ट्रैफिक कम रहता है, जिसके चलते इस समय का चुनाव किया गया है। (Bhopal News)

बता दें कि जहरीला कचरे को यूनियन कार्बाइड से ले जाने की प्रोसेस रविवार दोपहर से शुरू हुई थी। प्रत्येक कंटेनर में औसतन 30 टन कचरा भरा गया है। इस काम में 200 से ज्यादा मजदूर लगे। जिनकी 8 घंटे की बजाय 30 मिनट की शिफ्ट लगाई गई। कचरा भरने इकट्ठा करने और उसे कंटेनर में भरने समेत हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है। मंगलवार रात तक कचरे को बैगों में भरकर उन्हें कंटेनरों में लोड किया गया। (Bhopal News)

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ग्रीन कॉरिडोर बनाकर भेजा जाएगा

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे को कड़ी सुरक्षा के बीच 250 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीथमपुर भेजा जाएगा। इस दौरान करीब 100 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। बता दें कि एमपी हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक कचरे को हटाने के निर्देश दिए थे। 3 जनवरी को सरकार को इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करना है। ऐसे में दो जनवरी तक किसी भी हाल में कचरा पीथमपुर भेजना ही होगा। पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी इसका निष्पादन करेगी।

पीथमपुर में शुरू हुआ विरोध

उधर, यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में जलाने का विरोध शुरू हो गया है। रविवार को पीथमपुर क्षेत्र रक्षा मंच के नेतृत्व में कचरा जलाने का विरोध किया गया। यहां के राम रामेश्वर मंदिर से महाराणा प्रताप बस स्टैंड तक रैली निकाली गई, जिसमें लोगों ने हाथ में काली पट्टी बांधकर जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही उन्होंने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा। पीथमपुर बचाओ समिति भी कचरा जलाने के विरोध में कई बार हस्ताक्षर अभियान, धरना प्रदर्शन, रैली कर चुकी है।