भोपाल। एमपी आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के मामले में रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। जांच एजेंसियों की पड़ताल में सामने आया है कि वह अपने रिश्तेदारों को करोड़ों के गिफ्ट दिया करता था। उसने जबलपुर में अपने जीजी रोहित तिवारी को तीन करोड़ की आलीशान कोठी भी दान की थी, जिसका नाम उसने अपनी मां उमा के नाम (उमा निवास) पर रखा है। सौरभ का जीजा रोहित बीते चार साल से जबलपुर के रियल स्टेट कारोबार में सक्रिय है। इन चार सालों के अंदर ही वो जबलपुर के बड़े बिल्डर्स में शुमार हो गया। (Bhopal Cash Scandal)
रोहित के प्रोजेक्ट में लगी थी सौरभ की काली कमाई
रोहित को सौरभ का राजदार कहा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक वह जबलपुर के अन्य बिल्डरों का काम भी करता था। वो उनके फंसे हुए कामों को वह सौरभ की सहायता से ही सुलझाया करता था। 26 दिसंबर को रोहित के जबलपुर स्थित निवास पर भी ईडी ने छापेमारी की थी, जहां से जांच एजेंसी को अहम दस्तावेजों प्राप्त हुए थे। इनमें ईडी को पता चला कि रोहित जबलपुर में यश बिल्डर नाम से फर्म चलाता है। इसके अलावा शहर के चौकीताल में फार्म लैंड से लेकर माढ़ोताल में कुछ कॉलोनियों में उसके निवेश की जानकारी भी ईडी को उन्हीं डॉक्यूमेंट्स के जरिए पता चला थी। (Bhopal Cash Scandal)
सौरभ शर्मा की काली कमाई को बड़े पैमाने पर रोहित के प्रोजेक्ट में लगाया गया है। पिछले दिनों जबलपुर में दो अलग-अलग धार्मिक आयोजनों में रोहित की सक्रिय भागीदारी थी। इसमें सौरभ भी शामिल हुआ था।
इसके अलावा यह भी जानकारी सामने आई है कि भोपाल से सटे मेंडोरी के जंगल में के जिस फार्म हाउस में 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश से लदी कार मिली थी, उसका मालिक भी सौरभ का करीबी रिश्तेदार ही है। वह कार्रवाई के बाद से ही फरार है।
सौरभ शर्मा ने मां और पत्नी के अलावा रिश्तेदारों के नाम पर भी खरीदी थी जमीन, दान के जरिए की हेराफेरी!
करीबियों ने की लोकायुक्त में शिकायत
कहा जा रहा है कि सौरभ शर्मा का अपने करीबियों के साथ पैसों को लेकर विवाद हो गया था। जिसके बाद उन्होंने लोकायुक्त में सौरभ की शिकायत कर दी थी। इसके बाद ही उसके ठिकानों से लोकायुक्त ने 7.98 करोड़ रुपए की संपत्ति बरामद की थी। बताया जा रहा है कि सौरभ के दो पेट्रोल पंप जो कि भोपाल और औबेदुल्लागंज में हैं। इनमें से एक पेट्रोल पंप को लेकर सौरभ का पहले विक्रेता से विवाद हुआ, बाद में अपने दो पार्टनर्स से भी विवाद हुआ था। सौरभ रसूखदारों से अपने संबंध होने का डर बताकर बिजनेस में मनमानी करने लगा था, उसने पेट्रोल पंप की बकाया रकम को भी पकड़ लिया था। वह अपने पार्टनर्स को भी नजरंदाज करने लगा था।
कहा जा रहा है कि सौरभ को सबक सिखाने के लिए ही उसके दो करीबियों ने पेट्रोल पंप विक्रेता को मोहरा बनाया। इसके उन्होंने विक्रेता को सौरभ के बारे में गोपनीय जानकारी दी और उसकी लोकायुक्त में शिकायत करा दी। बाद में सटीक मुखबिरी कर उसके घर और ऑफिस से 2.95 करोड़ रुपए कैश, 234 किलो चांदी सहित 7.98 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कराई।