भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच एजेंसियों का एक्शन जारी है। इस बीच पूर्व कॉन्सटेबल के ठिकानों पर कार्रवाई में लोकायुक्त पुलिस की लापवाही सामने आई है। जानकारी के मुताबिक 19 दिंसबर को जिस वक्त लोकायुक्त की टीम ने अरेरा कॉलोनी के ई-7 स्थित मकान नंबर 78 और एक दूसरे मकान ई-7/657 पर एक साथ कार्रवाई की थी। उसी दौरान सोना और कैश से लदी कार वहां से निकली थी। (Bhopal cash scandal)
लोकायुक्त की ओर से दावा किया गया है कि अरेरा कॉलोनी के ई-7 के मकान नंबर 78 में सौरभ का आवास जबकि 657 नंबर के मकान में ऑफिस चल रहा था। कहा जा रहा है कि कार ई-7 से निकला था। छापे के एक दिन बाद यही कार भोपाल से सटे मेंडोरी के जंगल में मिली थी। कार का नंबर एमपी 04 बीए 0050 है जिसका मालिक सौरभ का दोस्त चेतन सिंह गौर है। (Bhopal cash scandal)
मिली जानकारी के मुताबिक कार को प्यारे नाम का शख्स ड्राइव कर रहा था। उसके मोबाइल की लोकेशन से यह सामने आया है कि जिस समय सौरभ घर व ऑफिस पर छापा पड़ रहा था उस समय यह कार अरेरा कॉलोनी के ई-7 में थी। कार चला रहा प्यारे फिलहाल फरार है, पुलिस उसकी जांच में जुटी हुई है।
केस दर्ज करने के बाद ईडी की दबिश
ED (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने पूर्व कांस्टेबल के भौपाल स्थित घर में दबिश दी है। शुक्रवार की सुबह ईडी की टीम यहां मेटल डिटेक्टर सहित कई आधुनिक उपकरण के साथ पहुंची। जांच एजेंसी के अधिकारी सर्चिंग में जुटे हुए हैं।
उधर, ग्वालियर स्थित सौरभ के मकान पर आयकर विभाग (IT) समेत अन्य जांच एजेंसियों ने छापमारी की है। उनके साथ CRPF के जवान भी मौजूद हैं।
मेटल डिटेक्टर लेकर पहुंची ईडी
भोपाल कैश कांड मामले में ईडी की एंट्री 23 दिसंबर को हुई थी। जांच एजेंसी ने मनी लैंड्रिंग के मामले में पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ केस दर्ज किया है। सौरभ ने टाइल्स के अंदर चांदी को छुपाकर रखा था, इसी वजह से आज उसके घर पर छापेमारी करने गई ईडी की टीम अपने साथ मेटल डिटेक्टर लेकर पहुंची।
Bhopal cash scandal : मास्टरमाइंड सौरभ शर्मा के खिलाफ कार्रवाई जारी, घर और ऑफिस में ED-IT ने की दबिश
सौरभ अग्रिम जमानत याचिका खारिज
आयकर विभाग ने सौरभ के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था। वहीं दुबई में बैठे सौरभ शर्मा ने भोपाल कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। वहीं गिरफ्तारी का खतरा मंडराने पर सौरभ ने भोपाल कोर्ट में पिटीशन दायर की थी, जिसे भोपाल कार्ट ने यह याचिका खारिज कर दी। सौरव शर्मा के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि आरोपी लोक सेवक नहीं है, इसलिए उसे अग्रिम ज़मानत दी जाए। न्यायाधीश ने अपने आदेश में उसे लोक सेवक मानते हुए और अपराध की गंभीरता के मद्देनजर अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।
लगातार हो रहे खुलासे
आरटीओ विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। इस बीच जानकारी सामने आई है कि कार्रवाई से एक महीने पहले ही सौरभ शर्मा चीन की यात्रा से लौटा था। छापे में उसके घर से विदेशी करेंसी और दस लाख रुपये की घड़ियां भी बरामद की गई हैं। इसके साथ ही झूठे शपथ भी मिले हैं, जिनके जरिए सौरभ ने नौकरी पाई थी। इस मामले में उस पर एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है। फिलहाल जांच एजेंसियां विदेश में सौरभ द्वारा किए इन्वेस्टमेंट की खोजबीन की जा रही है।
घर से मिली विदेशी करेंसी
सौरभ के भोपाल स्थित मकान से जांच के दौरान अमेरिका, सिंगापुर समेत चार देशों की करेंसी मिली है। इसी के साथ उसके घर से 10 लाख रुपये की कीमत वाली रोलेक्स की लग्जरी घड़ियां भी बरामद हुई हैं। बता दें कि 18 दिसंबर को लोकायुक्त और आयकर विभाग की कार्रवाई में मप्र परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों से 235 किलो चांदी और 2.95 करोड़ रुपए कैश मिले थे। वहीं इसके अगले दिन भोपाल से सटे मेंडोरी के जंगल से एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए कैश बरामद हुआ था। अभी इस मामले की जांच चल रही है।