इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कुछ दिनों पहले गजवा-ए-हिंद के पोस्टर लगने के आरोप के बाद अब भगवा-ए-हिंद के पोस्टर सामने आए हैं। शहर के भंवरकुआ इलाके में ‘गजवा-ए-हिंद अब नहीं चलेगा’ लिखे पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर्स में लिखा है- ‘भगवा-ए-हिंद, एक हैं तो सेफ हैं’। कहा जा रहा है कि इन पोस्टरों को हिंदू जागरण मंच के सहयोगी संगठन हिंद राष्ट्र संगठन ने लगाया है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि हिंदुओं को जागरूक बनाने के लिए हमारा संगठन मैदान में उतरा है। (Indore News)

वहीं पुलिस का इस मामले पर कहना है कि अभी जांच जारी है। किसी ने इन पोस्टर्स के खिलाफ शिकायत नहीं की है। अब तक की जांच में सामने आया है कि ये पोस्टर्स लोगों ने अपनी मर्जी से घर के बाहर लगाए हैं। (Indore News)

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में लगे पोस्टर

भंवरकुंआ के कई घरों के बाहर पोस्टर लगे हैं। जिनमें ‘बंटोगे तो कटोगे’, ‘एक हैं तो सेफ हैं’ और ‘लव जिहाद, थूक जिहाद, जमीन जिहाद, त्योहार जिहाद से बचना है तो एकजुट रहना है’ जैसे स्लोगन लिखे हैं। इसके साथ ही बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में कई घरों व कारों में पोस्टर लगे हैं। प्रशासन द्वारा मामले की जांच की जा रही है। हिंद राष्ट्र संगठन के अध्यक्ष राजेश सिरोडकर ने बताया कि हिंदुओं को जागरूक करने के लिए हिंद राष्ट्र संगठन मैदान में उतरा है। हमारा लक्ष्य सभी तरह के जिहाद से हिंदुओं को बचाना है। हमारा नारा है कि अब इस देश में गजवा-ए-हिंद नहीं भगवा-ए-हिंद ही चलेगा। हिंदू जब तक एक नहीं होगा तब तक सेफ नहीं होगा।

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बता दें कि इसी महीने की 4 तारीख को इंदौर-4 विधानसभा सीट से विधायक मालिनी गौड़ के बेटे और भाजपा नगर उपाध्यक्ष एकलव्य गौड़ ने सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट किया था। जिसे उन्होंने विवादित बताते हुए उसे लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी। उनका आरोप था कि मस्जिद पर पोस्टर लगा हुआ है, जिसमें युद्ध का दृश्य दिखाया गया है। इसमें सामने की तरफ सेना बताई है, जो भगवा झंडे लिए हुए है। यह सनातन धर्म को चेतावनी है। यह एक अभियान है, इसे कोई छोटी हरकत न माना जाए, यह हमारे लिए संदेश है।

एकलव्य गौड़ ने कहा था, ‘गजवा-ए-हिंद में गजवा इस्लाम फैलाने के लिए जंग है। इसमें शामिल लड़ाकों को गाजी कहा जाता है यानी इसका मतलब भारत को जीतकर इसका इस्लामीकरण करने से है। इस तरह की हरकत बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगी। पहले भी थाने में इसकी शिकायत कर चुके हैं।’

पोस्टर पर विवाद खड़ा होने के बाद शिया समाज ने मस्जिद से पोस्टर हटा दिया था। समाज की ओर से प्रवक्ता सैयद दिलशाद अली नकवी ने कहा था कि पोस्टर 4 महीने से मस्जिद पर लगा था। इसमें कर्बला का सीन दिखाया गया है। जहां हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। मुहर्रम पर हर साल ऐसे पोस्टर लगाए जाते हैं। आरोप लगाने वाले साबित करें कि पोस्टर पर गजवा-ए-हिंद लिखा है।