रायपुर। बलोदा बाजार हिंसा मामले को लेकर सीएम विष्णुदेव साय गंभीर नजर आ रहे हैं। जिससे ये साफ हो गया है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कानून व्यवस्था (baloda bazaar case) के साथ न तो खिलवाड़ करने देंगे न ही ढिलाई बरतने वालों को बख्शेंगे। इसकी एक बानगी  गुरुवार रात को देखने को मिली जब मुख्यमंत्री के निर्देश पर बलोदा बाजार के तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को निलंबित कर दिया गया।

प्रारंभिक रिपोर्ट आने पर हुई कार्रवाई

दअरसल, इससे पहले जिले के कलेक्टर और कप्तान का ट्रांसफर किया गया था, अब प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने ये बड़ी कार्रवाई की है। देर रात अवर सचिव अन्वेष धृतलहरे द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सतनामी समाज के धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति की घटना (baloda bazaar case) के मामले में मिली शिकायतों पर कलेक्टर ने उचित कार्रवाई नहीं की। इसलिए आईएएस चौहान के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही विचाराधीन है।राज्य शासन ने केएल चौहान और कप्तान सदानंद कुमार को निलंबित करने का फैसला किया है।

निलंबित एसपी पीएचक्यू अटैच

गृह विभाग के अवर सचिव मनोज कुमार श्रीवास्तव ने पत्र जारी करते हुए बताया कि निलंबन के दौरान कलेक्टर केएल चौहान का मुख्यालय मंत्रालय रहेगा। जबकि निलंबन के दौरान कप्तान पुलिस हेड क्वार्टर में अटैच रहेंगे।

जिले में नए कलेक्टर और एसपी लगाए गए

घटना को लेकर मंगलवार को ही सरकार ने दोनों अधिकारियों को पद से हटाकर रायपुर बुला लिया था। फिलहाल चौहान की जगह आईएएस दीपक सोनी को कलेक्टर बनाया था। वहीं कुमार की जगह अंबिकापुर एसपी विजय अग्रवाल को कमान दे दी गई थी।

एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित

जैतखाम क्षतिग्रस्त होने के मामले की जांच के लिए सरकार ने एकल सदस्यीय जांच आयोग गठित किया है। सेवानृवित्त न्यायाधीश सीबी बाजपेयी छह बिंदुओं पर इस मामले की जांच करेंगे।

पालतू हाथी ही बना काल, पैरों से कुचलकर ली महावत की जान

बता दें कि बलौदा बाजार जिले में सोमवार को हिंसा भड़क गई थी। धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ से नाराज सतनामी समाज के लोग प्रदर्शन के दौरान उग्र हो गए थे। जिसके बाद उन्होंने पहले जिला कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफिस में पत्थरबाजी की और फिर आग लगा दी थी। उसके बाद से मामले को लेकर प्रदेश सरकार सख्त रुख अपनाए हुए है।