रायपुर। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन बलौदाबाजार हिंसा को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक और हंगामा देखने को मिला। दरअसल बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर के बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। अजय चंद्राकर ने बलौदाबाजार की घटना में कांग्रेस के शामिल होने की बात कहकर माहौल को गर्म कर दिया। जिस पर कांग्रेस नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई और बयान पर बीजेपी विधायक से माफी मांगने को कहा।(Assembly Session)

बलौदाबाजार घटना में कांग्रेस विधायक शामिल

बता दें कि ,बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने चर्चा के दौरान कहा कि बलौदाबाजार की घटना में कांग्रेस के दो विधायक शामिल थे। इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि किसी विधायक पर आरोप लगाने के पहले इसकी जानकारी आसन को दी जानी चाहिए। साथ ही इसकी अनुमति ली जानी चाहिए।(Assembly Session)

आरोप को लेकर भूपेश बघेल ने किया सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा क्या विधायकों पर आरोप लगाने से पहले अनुमति ली गई? इस पर आसन ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि भाषण के दौरान किसी भी सदस्य का नाम नहीं लिया। इसलिए इस पर आपत्ति उचित नहीं है।(Assembly Session)

‘कांग्रेस ने इनोसेंट समाज को किया आगे’

इसके साथ ही पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विष्णु देव सरकार को अस्थिर करने के लिए षडयंत्र पूर्वक एक इनोसेंट समाज को आगे कर बलौदाबाजार की घटना को अंजाम दिया। जिसके बाद बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सदन में नारेबाजी शुरू की। जिस कारण सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।(Assembly Session)

‘अजय चंद्राकर के बोलने पर विपक्ष करेगा बहिष्कार’

सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही भूपेश बघेल ने कहा कि अजय चंद्राकर जब-जब सदन में बोलेंगे, विपक्ष हमेशा बहिष्कार करेगा। वहीं अजय चंद्राकर ने अपनी बात पर डटे रहते हुए कहा कि बलौदाबाज़ार को घटना में आखिरकार कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस क्यों तलब कर रही है? कांग्रेस के और भी बड़े नेताओं का नाम शामिल है, लेकिन वो विधानसभा के सदस्य नहीं हैं, इसलिए मैं उनका नाम नहीं ले रहा। रही बात माफी मांगने की तो ये मैं आसंदी पर छोड़ता हूं।(Assembly Session)

‘कांग्रेस के पास नैतिक सामर्थ्य नहीं’

इतना ही नहीं अजय चंद्राकर ने आगे कहा कि यदि कांग्रेस का विधायक बलौदबाजार की घटना में शामिल नहीं है, तो कांग्रेस को यह स्पष्ट करना चाहिए। कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को पुलिस ने तीन बार पूछताछ के लिए बुलाया। कांग्रेस के एक नेता ने टेंट उपलब्ध कराया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास नैतिक सामर्थ्य नहीं है।सरकार का इक़बाल भी दिखना चाहिए।(Assembly Session)

‘भूपेश बघेल संसदीय शब्दों की सीख नहीं दे सकते’

उन्होंने कहा कि इसी सदन में तेलीबांधा डिवाइडर की जांच की घोषणा हुई थी,लेकिन उस पर कार्रवाई नहीं हुई थी। ऐसे अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए। कांग्रेस सरकार में तौर तरीक़े हमने झेले हैं। कांग्रेस सरकार में बीजेपी विधायक के रिश्तेदार को तीन महीने जेल में रहना पड़ा था। भूपेश बघेल मुझे संसदीय शब्दों की सीख नहीं दे सकते। विष्णु के सुशासन का अर्थ ही सम्यक विकास होता है। साय सरकार ने कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की घोषणा की है। जांच के बाद ये सभी मामले प्रामाणिक पाए जाएंगे।(Assembly Session)

बीजेपी विधायक ने लहराया पोस्टर

इससे पहले सदन में अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने बलौदाबाजार हिंसा का जिक्र किया। उन्होंने विनियोग पर बोलते हुए कहा कि पुलिस को पैसा क्यों दें रायपुर में गोलीकांड के लिए, बलौदाबाजार में हिंसा के लिए। उमेश पटेल के भाषण पर बीजेपी विधायकों ने आपत्ति जताई। इस बीच बीजेपी विधायक रिकेश सेन ने कांग्रेस विधायक और बलौदाबाजार हिंसा का पोस्टर लहराया। जिसको लेकर विपक्ष ने पोस्टर लहराने पर कड़ी आपत्ति जताई।

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जब सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोंक-झोंक हुई। तो आसंदी ने पोस्टर लहराने पर कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि कोई भी सदस्य सदन में पोस्टर नहीं लहरा सकता। सभी सदस्यों के लिए निर्देश जारी करते हुए कहा कि सभी सदस्यों को ससंदीय परंपरा का पालन करना अनिवार्य है।