भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा बजट सत्र (Assembly budget session) के दूसरे दिन भी नर्सिंग घोटाले को लेकर जमकर हंगामा हुआ। ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने नर्सिंग कॉलेजों में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल में लंबे समय से रजिस्ट्रार की नियुक्ति अधिनियम के विरुद्ध की जा रही है। प्रदेश के 80% नर्सिंग कॉलेजों में सैकड़ों कमियां हैं। शिक्षा माफिया को फायदा पहुंचाने नियमों का शिथिलीकरण किया गया है।’

इसके जबाव में (Assembly budget session) लोक स्वास्थ्य और चिकित्सा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि मामले में दो नर्सिंग रजिस्ट्रार को बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं निरीक्षण की फर्जी रिपोर्ट देने वालों के खिलाफ भी एक्शन लिया गया है।

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पीसीसी चीफ बैठे सत्याग्रह पर

उधर, नर्सिंग घोटाले को लेकर कांग्रेस ने सदन के बाहर भी मोर्चा संभाला हुआ है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के चीफ जीतू पटवारी और यूथ कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख मितेंद्र दर्शन सिंह ने मंगलवार सुबह ग्यारह बजे बोर्ड ऑफिस चौराहे पर सत्याग्रह शुरु कर दिया। 24 घंटे के इस सत्याग्रह में नर्सिंग की छात्राएं रोते हुए भी पहुंची और कांग्रेस नेताओं से न्याय दिलाने की गुहार लगाई। इस मौके पर जीतू पटवारी ने कहा कि जब तक तत्कालीन चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का इस्तीफा नहीं होता नर्सिंग घोटाले में लड़ाई जारी रहेगी।

मंत्री विश्वास सारंग पर कांग्रेस का बड़ा आरोप

हेमंत कटारे ने कहा कि विश्वास सारंग के मंत्री पद पर रहने के दौरान प्रदेश में एक साल में 219 कॉलेज खुल गए। यह सारा खेल कोरोना के समय हुआ। कांग्रेस का आरोप है कि नर्सिंग घोटाले में 300 करोड़ तक की वसूली हुई है। दोबारा ऐसा घोटाला न हो, इसलिए मंत्री सारंग को बर्खास्त कर देना चाहिए।

पूर्व गृ‍हमंत्री नरोत्‍तम मिश्रा को दतिया से हराकर चर्चा में आने वाले कांग्रेस विधायक राजेंद्र भारती ने भी इस नर्सिंग घोटाला मामले पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि नर्सिंग काउंसिल के बायलॉज में क्या चुनाव कराने का कोई प्रावधान था? अगर था तो चुनाव क्यों नहीं कराया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार और दोषी है?

उन्होंने आगे कहा कि मामले में जिन राजस्व अधिकारियों, राजस्व अनुविभागीय अधिकारियों को नोटिस दिए गए हैं क्या उन पर भी एक्शन लिया जाएगा? क्या सरकार हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में संपूर्ण मामले की जांच का फैसला करेगी।

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