भोपाल। आयुर्वेद के प्राचीन विज्ञान में निहित पंचकर्म उपचार, शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त कर उसे ऊर्जावान और स्फूर्ति से भरपूर बना देता है। पंचकर्म का उपचार अब एम्स भोपाल में भी होगा। यहां सप्ताह में 5 दिन सोमवार से शनिवार को मरीजों का उपचार किया जा रहा है। इससे हर महीने लगभग ढाई सौ लोग फायदा भी उठा रहे हैं।(AIIMS Bhopal)

सुबह 9 से शाम 4 बजे तक संचालित होती है ओपीडी

एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह के मुताबिक अस्पताल की आयुर्वेद ओपीडी सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित होती है, जिसमें स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए कई प्रकार की आयुर्वेदिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।(AIIMS Bhopal)

‘आयुर्वेद ओपीडी में उपचार करा सकते हैं लोग’

उन्होंने बताया कि लोग आयुर्वेद ओपीडी में आकर पंजीयन शुल्क जमा कर पंचकर्म से उपचार करा सकते हैं। इन सेवाओं की उपलब्धता के साथ हमारा उद्देश्य पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा के सर्वश्रेष्ठ को अपनाकर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है।(AIIMS Bhopal)

अत्याधुनिक सुविधा में मिलेगा पंचकर्म का उपचार

निदेशक ने बताया कि एम्स में पंचकर्म का उपचार अत्याधुनिक सुविधा में किया जाता है, जहां हर उपचार उच्च प्रशिक्षित और योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सकों की देखरेख में होता है। हमारे पंचकर्म उपचार शरीर को विषाक्त पदार्थों से मुक्त करने, संतुलन बहाल करने और शरीर और मन को पुनर्जीवित करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इस प्रक्रिया में औषधीय तेलों और विशिष्ट चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग किया जाता है, जो प्रत्येक रोगी की आवश्यकताओं के अनुसार होती हैं, जिससे एक प्रभावी और व्यक्तिगत उपचार हो सके।(AIIMS Bhopal)

पांच सौ रुपए में चार दिन मिलेगा उपचार

मरीजों को सिर्फ 500 रुपए में सोमवार से शनिवार 5 दिनों तक पंचकर्म से उपचार मिलेगा। इसके लिए मरीजों को आयुर्वेद ओपीडी में आकर दस रुपए की पर्ची कटवानी होगी। इसके बाद 500 रुपए जमा करने होंगे। यह रुपए पंचकर्म प्रक्रिया में उपयोग होने वाले तेल के लिए जाएंगे।(AIIMS Bhopal)

ये है पंचकर्म प्रक्रिया

स्नेहन…इस प्रारंभिक चरण में शरीर पर हर्बल और खनिज आधारित तेलों का प्रयोग किया जाता है। ये तेल गहरे ऊतकों में प्रवेश करते हैं, हर कोशिका में औषधीय गुण पहुंचाते हैं और शरीर में फंसे हुए विषाक्त पदार्थों को निकालते हैं।(AIIMS Bhopal)

स्वेदन चिकित्सा से आता है पसीना

वहीं स्नेहन के बाद स्वेदन चिकित्सा दी जाती है, जिससे पसीना आता है। ये चिकित्सा ऊतकों को नरम करती है, उन्हें अधिक लचीला बनाती है, और शरीर से विषाक्त पदार्थ तरल रूप में शरीर से बाहर निकल जाते हैं।(AIIMS Bhopal)

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पंचकर्म के फायदे

पंचकर्म प्रक्रिया मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्तरों पर व्यक्ति को प्रभावित करती है। पंचकर्म से कई लाभ होते हैं जैसे संपूर्ण शरीर का विषहरण, विषाक्त पदार्थों का उन्मूलन, चयापचय की दर में वृद्धि, वजन कम करना, पाचन को मजबूत करना, मन और शरीर को आराम मिलता है, ऊतकों का पुनरुत्थान, प्रतिरक्षा में वृद्धि, तनाव में कमी आदि।