ग्वालियर। जिस विवाद को कोर्ट, पुलिस और समाज सालों से नहीं सुलझा पा रहा था, उसे हनुमान जी ने चंद मिनटों में सुलझा दिया। हम बात कर रहे हैं एमपी के ग्वालियर के हस्तिनापुर थाने में बने समझौते वाले हनुमान बाबा मंदिर की। जहां गुरुवार को दो पक्षों के बीच सालों से चल रहा जमीनी विवाद कुछ मिनटों में ही सुलझ गया। (Gwalior News)
यह पूरा मामला जमीनी प्लॉट से जुड़ा हुआ था जहां पर दो पक्षों के बीच पिछले कई सालों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था लेकिन पुलिस की पहल से दोनों पक्षों को मंदिर में बुलवाकर कुछ ही देर में विवाद का निपटारा कर दिया गया। बाद में दोनों ही पक्ष फैसले से संतुष्ट होकर एक दूसरे के गले मिलकर खुशी खुशी मंदिर से रवाना हुए। (Gwalior News)
यह है पूरा मामला
दरअसल, पूरा मामला हस्तिनापुर थाना क्षेत्र के सकेतपुरा गांव का है जहां पर रविंद्र सिंह जो पश्चिम बंगाल में फौज में तैनात है। फौजी रविंद्र और उनके भाई बलवीर का एक संयुक्त प्लॉट गांव में ही सड़क किनारे पर था। जिसका आधा हिस्सा फौजी के भाई बालवीर ने अपने पड़ोस में रहने वाले पुलंदर व भूरा परिहार को भेज दिया था। लेकिन खरीदारों ने प्लॉट का आधा हिस्सा खरीद कर धीरे-धीरे फौजी रविंद्र सिंह के हिस्से पर भी कब्जा कर लिया था।
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इस बीच फौजी रविंद्र पिछले तीन साल से कई बार प्लॉट पर कब्जा दिलाने को लेकर पुलिस थाने से लेकर कई जगह प्रयास कर रहे थे। लेकिन उन्हें वापस प्लॉट पर कब्जा नहीं मिल रहा था। ऐसे में विवाद की स्थिति भी उत्पन्न हो रही थी। लेकिन सुबह जब फौजी रविंद्र सिंह प्लॉट का विवाद सुलझाने के लिए एक महीने की छुट्टी लेकर गांव पहुंचे थे। लेकिन छुट्टी का पूरा महीना खत्म होने के करीब आ गया था लेकिन इस बीच छुट्टी के आखिरी दिन एसडीओपी संतोष पटेल और दरोगा वीर सिंह के प्रयासों से फौजी रविंद्र सिंह और दूसरे पक्ष के लोगों को हस्तिनापुर थाना परिसर में बने प्रसिद्ध समझौते वाले हनुमान जी मंदिर में बुलाया गया। जहां पर SDOP संतोष पटेल के द्वारा गांव वालों के समक्ष पंचायत की गई।
एक-दूसरे को लगाया गले
बातचीत के कुछ देर बाद ही दोनों पक्ष संतुष्टि पूर्वक राजी हो गए और मंदिर के सामने एक दूसरे के जान के दुश्मन बन चुके दोनों पक्षों ने खुशी खुशी एक दूसरे को गले लगाया। दोनों पक्षों ने कोर्ट में जाकर नोटरी करवायी और समझौते पर हस्ताक्षर किए। ऐसे में एक बार फिर समझौते वाले हनुमान जी मंदिर पर पुलिस के प्रयासों से सालों से चले आ रहे विवाद को चंद मिनटों में सुलझा दिया गया।
एसडीओपी संतोष पटेल ने मामले की जानकारी देते हुए कहा, ‘मंदिर में दोनों पक्षों में राजी-खुशी सुलह हो गई। जमीन का बंटवारा कर लिखा – पढ़ी कराई गई। एक हिस्से पर भूरा और पुलंदर, तो दूसरे हिस्से पर रविंद्र को कब्जा दिलाया गया।’