ग्वालियर,प्रह्लाद सेन । ग्वालियर चंबल अंचल में बंदूक को शान और रुतबे का प्रतीक माना जाता है। यहां हर दसवें व्यक्ति में से एक के पास लाइसेंसी हथियार हैं। ग्वालियर चंबल अंचल में लोग ऐसा मानते हैं कि कंधे पर टंगी बंदूक, और कमर में लगी रिवाल्वर व्यक्ति के सामाजिक वर्चस्व और रसूख को प्रदर्शित करती है। घरों में होने वाले किसी भी छोटे-मोटे घरेलू कार्यक्रमों में भी हर्ष फायरिंग जैसे मामले सामने आते रहते हैं। लेकिन अब ये बंदूकें जान ले रही है, जिसके आकंड़े चौकने वाले है।
शान बनी जान की दुश्मन
ग्वालियर-चंबल संभाग में लोगों की आन बान शान कहीं जाने वाली बंदूक उनकी जान लेने पर उतारू है। शादी समारोह में अपनी शान दिखाने के लिए हर्ष फायरिंग की पिछले एक सप्ताह में अलग-अलग जिलों में चार बड़ी घटनाएं सामने आई हैं,आलम इस कदर खराब है कि इसमें एक बच्चे की मौत हो गई है। वहीं, तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
लाइसेंसी नही तो अवैध ही सही
लोगो की इसी मान्यता के कारण जिनके पास लाइसेंस नहीं है, वह अवैध हथियार का शौक पालते हैं। ग्वालियर चंबल अंचल में शादी समारोह हो या जन्मदिन का मौका, बंदूक की गोलियों की बौछार करके मानते हैं। लेकिन ग्वालियर चंबल अंचल का यह अजीब शौक यहां के लोगों पर ही भारी पड़ रहा है।
आलम यह है कि यहां हर्ष फायरिंग रोकने के लिए। प्रशासन को धारा 144 लागू करनी पड़ रही है। एक जमाने में यहां लोग डकैतों के डर से अपने घरों में हथियार रखते थे। लेकिन अब डकैतों का सफाया हो गया है,लेकिन फिर भी लोग अपने पास बंदूक रखना चाहते हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं से लोग अपने लिए लाइसेंसी हथियार बनवाने की पूरी जगत में लगे रहते हैं।
ग्वालियर-चंबल के जिलों में शादी समारोहों के दौरान हर्षफायर होना सामान्य बात है। इसे स्टेटस सिम्बल भी माना जाता है। इस वजह से हर साल औसतन 15 से 20 लोगों की मौतें इन संभागों में हो जाती है। अक्सर देखने में आया है कि हर्षफायर के दौरान महिलाएं-बच्चे भी शिकार होते हैं। हांलकि अब कलेक्टर ग्वालियर ने कहा है… हम तीन तरह के आदेश लागू कर रहे है, जिसमें पूर्ण तरीके से हर्ष फायर प्रतिबंधित होगे। अगर कोई उलंघन करेगा… तो क्रिमनल केस लगेगा
ग्वालियर और चंबल अंचल दोनों को मिलाकर कल 1 लाख से अधिक लाइसेंसी हथियार लोगों के पास मौजूद है। जबकि इतनी ही संख्या में अवैध हथियारों का शौक लोक कर रहे हैं। हर्ष फायरिंग की घटनाएं ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी जिले में देखने को मिली है। जिसके बाद अब पुलिस और प्रशासन एक्शन में है, साथ ही हर्ष फायर पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
ग्वालियर चंबल में बढ़ते बंदूक के क्रेज को लेकर हर वर्ग के लोग चिंतित है। क्योंकि प्रत्यक्ष ओर अप्रत्यक्ष रूप से इन लाइसेंसी बंदूकों का शिकार आम आदमी हो रहा है। ऐसे जो आंकड़े बीते एक सप्ताह में ग्वालियर-चंबल संभाग के हर्ष फायर में मौतों के आएं है, वो भी चौकानें वाले है।
कुल मिलाकर ग्वालियर चंबल अंचल में लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी हथियारों के गैरकानूनी प्रयोग रोकना पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। पुलिस और प्रशासन लोगों से अपील कर रहा है की झूठी शान में लाइसेंसी हथियारों से फायरिंग ना करें। अनावश्यक हथियार का लाइसेंस न बनवाएं क्योंकि लाइसेंसी हथियार को संभालना एक बड़े जिम्मेदारी वाला काम है। आपकी छोटी सी लापरवाही आपके अपनों की ही जान की दुश्मन बन सकती है।