इंदौर। इंदौर के प्राचीन मंदिरों में से एक गोपाल मंदिर को अफसरों ने शादी समारोह के लिए किराए पर दे डाला। यहां रविवार को एक भव्य शादी समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मंदिर के नियमों के विरुद्ध पूरे परिसर को मैरिज गार्ड की तरह सजाया गया, शादी की रस्में की गईं और मेहमानों को शाही बर्तनों में भोजन भी परोसा गया। शाम के समय जब लोगों ने इसका विरोध किया तो प्रशासन हरकत में आया। कमिश्नर दीपक सिंह ने इसकी जांच के आदेश दिए। (Indore News)
कमिश्नर के आदेश पर कलेक्टर आशीष सिंह ने अपर कलेक्टर ज्योति शर्मा को इसकी जिम्मेदारी सौंपी। इसके बाद से ही मंदिर प्रबंधन और संबंधित परिवार जांच के दायरे में हैं। (Indore News)
तीन साल पहले हुआ था जीर्णोद्धार
इंदौर के राजवाड़ा स्थित इस प्राचीन गोपाल मंदिर का तीन साल पहले स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत जीर्णोद्धार किया गया था, जिसमें करोड़ों की लागत आई थी। यह मंदिर भक्तों के लिए विशेष है, जहां आमतौर पर केवल छोटे धार्मिक और मांगलिक आयोजन होते हैं। लेकिन रविवार को यहां नियमों का उल्लंघन करते हुए एक भव्य विवाह समारोह आयोजित किया गया।
इस दौरान मंदिर को फूलों से सजाया गया, गलियारों में सोफे और कुर्सियां लगाई गईं। इसके साथ ही गर्भगृह के सामने हवन कुंड बनाकर फेरे लिए गए। सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खाने की व्यवस्था भी मंदिर परिसर में की गई। फूड स्टॉल और टेंट लगाए गए, जिससे आवागमन में दिक्कत आई।
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25 हजार देकर किराए पर लिया
रविवार को शादी विवाह के गीतों की आवाज सुनकर स्थानीय लोगों ने इस पर नाराजगी जताई और विरोध किया। मिली जानकारी के मुताबिक शहर के एक व्यवसायी ने केवल 25 हजार रुपए की रसीद कटवाकर मंदिर को शादी के लिए किराए पर ले लिया था। उनकी ओर से मंदिर प्रबंधन को बताया गया था कि युवक-युवती की शादी पहले ही हो चुकी है और यहां केवल आशीर्वाद लेने और प्रसादी वितरण का प्रोग्राम है। लेकिन दो दिनों तक मंदिर में भव्य सजावट और मेहमानों के स्वागत की तैयारियां की गईं।
भक्तों को दर्शन से रोका!
मंदिर के अंदर और बाहर सभी जगहों पर रेड कार्पेट बिछाया गया। स्टेज लगाया गया और डीजे पर गाने बजते रहे। इस दौरान दर्शन के लिए आए भक्तों को भी रोका गया। बता दें कि गोपाल मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है, जहां इस तरह के भव्य आयोजनों की अनुमति नहीं होती।
इसके बावजूद विवाह समारोह का आयोजन कैसे हुआ, यह सवाल बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एक एसडीएम ने इस आयोजन की अनुमति दी थी, जिन्हें बताया गया था कि यह एक छोटा मांगलिक आयोजन है, क्योंकि शादी पहले ही हो चुकी है।