इंदौर। हाल ही में मध्यप्रदेश में कई जगहों पर डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं। हाल ही में विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार की ओर से बताया गया था कि मध्यप्रदेश में साल 2024 में अब तक 26 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं। प्रदेश में साइबर ठगों द्वारा लोगों डिजिटली अरेस्ट कर करीब 13 लाख रुपये ठगे गए। (Digital Arrest)

ऐसे में नए साल पर एमपी की इंदौर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें लोगों को डिजिटल अरेस्टिंग से बचने की सलाह दी गई है। एडवाइजरी में कहा गया है कि लगातार अपना पासवर्ड बदलें और उसे स्ट्रांग बनाएं। (Digital Arrest)

लगातार बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट और साइबर अपराध के मामलों पर लगाम लगाने के लिए इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने एक एडवाइजरी जारी है। जिसमें उन्होंने पूछा कि ‘कैलेंडर तो बदल गया है क्या आपने अपना पासवर्ड बदला या नहीं ?’ साइबर फ्रॉड से बचने के लिए पासवर्ड को हमेशा स्ट्रांग रखना चाहिए। इसे हमेशा कुछ दिनों बाद बदल लेना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की साइबर ठगी का शिकार न हो सके।

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बता दें कि मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर ठगी और साइबर फ्रॉड के मामलों से बचने के लिए पुलिस के द्वारा समय-समय पर एडवाइजरी जारी कर लोगों को सतर्क रहने की अपील की जाती रही है। इससे पहले भी इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें ये सलाह दी गई थीं –

  • किसी भी अनजान नंबर से आए कॉल पर स्वयं को FedEx कोरियर सर्विस कंपनी का होना बताए जाने पर जल्दबाजी में कभी भी भरोसा न करें।
  • अनजान व्यक्ति के द्वारा कितना भी भरोसा दिलाने के बाद भी अपनी बैंकिंग एवं निजी जानकारी कभी भी साझा न करें।
  • आपको आपके घर में डिजिटल अरेस्ट या होम अरेस्ट करने का कहने पर अनजान व्यक्ति की बातों में न आए और तुरंत अपने घर के अन्य सदस्यों से जानकारी साझा करें।
  • डिजिटल अरेस्ट के दौरान वीडियो कॉल पर ठग के द्वारा दिखाए गए फर्जी पुलिस ऑफिस एवं पुलिस आईडी पर कभी भरोसा न करें।
  • ठग द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य केस में आपके ट्रांजेक्शन की जांच हेतु, पैसे की मांग करने पर कभी पैसे नहीं भेजे।