भोपाल। मध्यप्रदेश के गुना में शनिवार को 10 साल का सुमित खेलते समय खुले बोरवेल में गिर गया। रविवार को करीब 16 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद रविवार को उसे गड्ढे निकाला गया। लेकिन, ऑक्सीजन की कमी के चलते उसके मौत हो गई। हालांकि प्रदेश में इस तरह की पहली घटना नहीं है जब इस तरह खुले बोरवेल ने किसी मासूम की जिंदगी छीनी हो। पहले भी इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। (CM Dr. Mohan Yadav)
लेकिन इसके बाद भी लोग लापरवाही बरतते हुए खुले में बोरवेल को खुला छोड़ देते हैं। गुना की घटना के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव खुले बोरवेल को लेकर एक बार सख्त निर्देश दिए हैं। (CM Dr. Mohan Yadav)
जानकारी मिलते ही में दें जानकारी
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में ट्यूब वेल खुले नहीं रहना चाहिए। ऐसा करना प्रतिबंधित है। इस तरह की जानकारी मिलते ही इलाके के थाने में जानकारी दें। ऐसी लापरवाही पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुना जिले में ग्राम पीपल्या में निजी जमीन पर बोरवेल में गिरने से हुई मासूम की मौत पर दु:ख व्यक्त किया है। सीएम डॉ. यादव ने एक्स पर लिखा, ‘गुना जिले के ग्राम पीपल्या में निजी जमीन पर किए गए बोरवेल में एक बच्चे के गिरने पर जिला प्रशासन सहित SDERF के बचाव दल के लगातार और अथक प्रयासों के बावजूद भी बालक को सुरक्षित बाहर निकाला नहीं जा सका। मैं इस कठिन घड़ी में शोकाकुल परिवार के साथ हूँ।’
सीएम ने आगे कहा, ‘ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत बालक की पुण्यात्मा को शान्ति और परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से निवेदन किया कि जो भी नागरिक अपनी निजी जमीन पर बोरवेल करवाते हैं, उसे उचित रूप से कवर करें, जिससे ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं भविष्य में दोबारा न हों।’
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 29, 2024
पतंग उड़ाते समय हुआ हादसा
गुना जिले की राघौगढ़ तहसील के पिपलिया गांव में शनिवार शाम 4 बजे पतंग उड़ाते वक्त 9 साल का बच्चा सुमित खेत में बने बोरवेल में गिर गया था। जानकारी मिलने के बाद से प्रशासन उसके बचाव कार्य में जुट गई थी। शनिवार शाम करीब 6 बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू सुबह दस बजे जाकर खत्म हुआ।
Guna News : बोरवेल ने छीनी एक और मासूम की जान, 15 घंटे चले रेस्क्यू के बाद सुमित को बाहर निकाला, ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत
39 फीट गहरे गड्ढे में फंसा
सुमित को बचाने के लिए बोरवेल के पास में JCB से गड्ढा खोदा गया, क्योंकि सुमित 45 फीट गहरे गड्ढे में वह करीब 39 फीट पर फंसा हुआ था। बोरवेल के गड्ढे में पानी भी था। बताया जा रहा है कि पानी बच्चे के गले तक था। प्रशासन द्वारा उसे सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी इंतजाम लगातार किए जा रहे थे. वहीं रविवार सुबह पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई। इसके बाद उसके बराबर से गड्ढा खोदकर SDRF की टीम ने सुमित को बोरवेल से बाहर निकाला।
ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत
बोरवेल से बाहर निकालते ही प्रशासन और रेस्क्यू की टीम सुमित को निकालकर सीधा गुना जिला अस्पताल पहुंची। जहां अस्पताल प्रबंधन ने उसे तुरंत उपचार के लिए सभी व्यवस्था पहले ही कर रखी थीं। अस्पताल में लंबे समय तक सुमित का परीक्षण किया और उसे बचाने के सारे प्रयास किए। लेकिन, सुमित की जान नहीं बच सकी। CHMO राजकुमार ने बताया कि बोरवेल में 39 फीट की गहराई में फंसे होने के की वजह से सुमित को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।