रायपुर। कांग्रेस में छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जोगी कांग्रेस) के विलय के लिए पार्टी सुप्रीमो डॉ. रेणु जोगी ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखा है। लेकिन कहा जा रहा है कि पूर्व डिप्टी सीएम और पार्टी के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव इसके पक्ष में नहीं हैं। (Chhattisgarh Janata Congress)

रेणु जोगी ने अपने पत्र में लिखा कि जेसीसीजे, कांग्रेस विचारधारा की पार्टी है और कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से ये फैसला लिया है कि जेसीसीजे का अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में विलय कर दिया जाए। इस पत्र में रेणु जोगी के अलावा अमित जोगी के भी हस्ताक्षर हैं। (Chhattisgarh Janata Congress)

रेणु जोगी के पीसीसी चीफ बैज को लिखे पत्र पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। अब इस पर पार्टी को फैसला लेना है। मुझे पत्र के बारे में मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है। वहीं इस विलय पर खुद के विचार को लेकर कहा कि ये मैं पार्टी को बताऊंगा, मीडिया को क्यों बताऊं?

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इसलिए जोगी ने छोड़ी थी कांग्रेस

2014 में बस्तर के अंतागढ़ विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था, इसमें कांग्रेस उम्मीदवार को चुनाव मैदान से हटाने के लिए कथित सौदेबाजी का ऑडियो वायरल हुआ था। इसमें अजीत और अमित जोगी का नाम आया था। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने एक्शन लेते हुए पार्टी ने अमित जोगी को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। वहीं अजीत जोगी को नोटिस दिया गया था। इसके बाद से ही अजीत और अमित जोगी ने कांग्रेस छोड़ नई पार्टी बनाने की प्रोसेस शुरू कर दी थी।

इसी साल 21 जून 2016 को अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ नाम से खुद की पार्टी बनाने की घोषणा की थी। तब राज्य के पहले सीएम की अजीत जोगी की लोकप्रियता के चलते ये माना जा रहा था कि प्रदेश में सरकार बनाने में जोगी कांग्रेस की निर्णायक भूमिका होगी। वह अपकमिंग इलेक्शन में किंगमेकर की भूमिका भी निभा सकती है।

पार्टी बनने के बाद भी अजीत जोगी की पत्नी रेणु काफी समय तक कांग्रेस में रहीं। लेकिन दो साल बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेसीसीजे से ही चुनाव लड़ने का फैसला किया। जोगी की पार्टी ने बसपा के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था लेकिन चुनाव में उनकी पत्नी रेणु जोगी के अलावा पार्टी के 3 और उम्मीदवार ही जीत पाए। उनकी बहु ऋचा जोगी तक चुनाव हार गईं। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि जोगी कांग्रेस का विलय कांग्रेस में हो सकता है लेकिन अजीत जोगी के जिंदा रहते ये केवल कयास ही बने रहे।