भोपाल। मंत्रालय में सोमवार देत रात हुए समाधान ऑनलाइन की समीक्षा बैठक में सीएम डॉ. मोहन यादव ने अफसरों की जमकर क्लास लगाई। इसके साथ ही शिकायत मिलने के बाद 11 अफसर-कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया। रायसेन जिले में एक व्यक्ति ने बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इस पर सीएम ने बिजली वितरण कंपनी के जीएम (महाप्रबंधक) को निलंबित कर दिया। (CM Dr. Mohan Yadav)
खंडवा में एक लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं होने की शिकायत हुई थी। इस पर अफसरों ने सीएम कोबताया कि उपनिरीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही एसडीओपी-टीआई को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसकी जांच एएसपी करेंगे। बेटी को बरामद कर परिजनों को सौंप दिया है। (CM Dr. Mohan Yadav)
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सीएम ने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार के केस के निराकरण के लिए अभियान चलाएं। झाबुआ में कपिलधारा कूप निर्माण योजना में भुगतान में देरी पर पंचायत सचिव को निलंबित किया गया। सीईओ व लेखाधिकारी को कारण बताओ नोटिस दिया गया।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं..
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हम सब जनता के प्रति जवाबदेह हैं, हमारा दयित्व तभी पूरा होता है जब हम अपने कर्त्तव्य का समय रहते निर्वहन करें। शासकीय कार्यों में लापरवाही बर्दाशत नहीं की जाएगी, सभी जिलों में इस क्षेत्र में हुए कार्य की गहन समीक्षा करते हुए बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारी-अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जाएगा और जिन्होंने विलम्ब या लापरवाही की है उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि सीएम ने समाधान ऑनलाइन में 12 जिलों की चयनित जन समस्याओं के संबंध में चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 11 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलम्बित करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कलेक्टरों को लगाई फटकार
वीडियो कॉन्फ्रेंस के समय बालाघाट के कलेक्टर को बैठने को लेकर फटकार लगाई। दरअसल, वीडियो कॉन्फ्रेंस में पहले आईजी और डीआईजी बैठे थे। जिसे लेकर सीएम ने कहा, बीच में कौन बैठा है? आईजी को हटाओ और बीच में आप बैठो। प्रशासनिक अधिकारी आप हो। वहीं स्कॉलशिप न बांटने पर सीएम ने अशोकनगर के कलेक्टर को फटकार लगाई।
आलीराजपुर कलेक्टर से नि:शक्त जन मामले के बारे पूछे जाने पर वह समझाने लगे, जिस पर सीएम ने उन्हें टोकते हुए कहा – कलेक्टर समझाने लगे तो सीएम ने कहा- ज्यादा मत बोलो। जितना बोलोगे, उतना फंसोगे।