विदिशा। दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ जा रहे एक परिवार के साथ मौजूद प्रसूता का चलती ट्रेन में प्रसव हुआ, लेकिन विदिशा रेलवे स्टेशन पर पहले से सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस नहीं मिली। लगभग एक घंटे बाद आरपीएफ की मदद से ऑटो के जरिए प्रसूता और उसके परिवार को जिला अस्पताल भेजा गया। जहां जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। वहीं इस बच्चे का नाम परिवार ने विदिशा रखा है।(Vidisha Railway Station)

गोंडवाना एक्सप्रेस से जा रहे थे जांजगीर-चांपा

जानकारी के मुताबिक, यात्री राजकुमार चौहान अपनी पत्नी सुमन बाई और दो बच्चियों के साथ गोंडवाना एक्सप्रेस से छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा के लिए रवाना हुए थे। बीना रेलवे स्टेशन निकलने के बाद उनकी गर्भवती पत्नी सुमन को अचानक प्रसव पीड़ा हुई। जिसके बाद गंजबासौदा आते-आते उन्होंने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान ट्रेन में मौजूद महिलाओं और रेलवे स्टाफ ने उनकी मदद की।(Vidisha Railway Station)

सूचना के बावजूद नहीं मिली एंबुलेंस

प्रसव होने के बाद विदिशा रेलवे स्टेशन पर इस बात की सूचना दी गई और एंबुलेंस की व्यवस्था करने के लिए बताया गया। जैसे ही गोंडवाना एक्सप्रेस विदिशा रेलवे स्टेशन पर देर रात 12.30 बजे के लगभग पहुंची, तो वहां एंबुलेंस नहीं थी। तो आरपीएफ और अपडाऊनर एसोसिएशन के सदस्य समेत कई लोगों की मदद से विदिशा रेलवे स्टेशन पर उतारा गया।(Vidisha Railway Station)

इंतजार करने के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस

करीब एक घंटे तक एंबुलेंस का इंतजार किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। तब उन्हें ऑटो के जरिए विदिशा जिला अस्पताल भेजा गया। जहां सुमन और उनका नवजात बच्चा पूरी तरह स्वस्थ है।(Vidisha Railway Station)

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राजकुमार ने बताया कि वह मूल रूप से छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा के निवासी हैं। दिल्ली में रहकर काम करके गुजर-बसर करते थे। उनकी एक पांच साल और ढाई साल की बेटियां हैं। तीसरी संतान के रूप में उन्हें बेटा हुआ है। उनका बेटा विदिशा में हुआ है। इसलिए उसका नाम वह विदिशा रखेंगे।