राजनांदगांव। तिरुपति बालाजी मंदिर प्रसाद विवाद के बाद देश के कई धार्मिक स्थानों के प्रसाद की जांच कराई जा रही है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोगरगढ़ स्थित बम्लेश्वरी मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद का निर्माण एक पोल्ट्री फॉर्म में होता है। गुरुवार को खाद्य सुरक्षा टीम ने वहां छापा मारकर बड़ी मात्रा में प्रसाद के पैकेट जब्त किए हैं। जिस फैक्ट्री में यह गोरखधंधा चल रहा था उसके मालिक का नाम मजहर खान है। (Bamleshwari Temple Prasad Controversy)

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संचालित हो रही प्रसाद बनाने की फैक्ट्री

पोल्ट्री फॉर्म डोंगरगढ़ थाना क्षेत्र में आने वाले राका गांव में स्थित है। खाद्य सुरक्षा टीम ने अपनी जांच में पाया कि 5 हजार स्क्वायर फीट कैंपस में पोल्ट्री फॉर्म के साथ प्रसाद बनाने की एक फैक्ट्री भी चल रही थी। ‘श्री भोग प्रसाद’ नाम से बनाए जा रहे इस प्रसाद का वितरण मंदिर के पास स्थित दुकानों में किया जाता है। (Bamleshwari Temple Prasad Controversy)

‘साफ और पवित्र वातावरण में निर्मित’

पोल्ट्री फॉर्म के अंदर बनी प्रसाद बनाने की फैक्ट्री में ‘श्री भोग प्रसाद’ नाम से इलायची दाना बनाया जा रहा था। खाद्य विभाग की टीम यहां से जो प्रसाद के पैकेट प्राप्त किए हैं उनमें माता बम्लेश्वरी की फोटो लगी है, साथ ही लिखा है – ‘साफ और पवित्र वातावरण में निर्मित’। खाद्य विभाग की टीम में प्रसाद शुद्धता को लेकर किये जाने वाले सभी दावों की पोल खुल गई।

फैक्ट्री का नहीं है रजिस्ट्रेशन

खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार पोल्ट्री फॉर्म में चल रही फैक्ट्री रजिस्टर्ड नहीं है। इसके साथ ही वहां जो प्रसाद की पैकेजिंग हो रही है वो भी सही तरीके से नहीं हो रही है। उनमें मानक, तिथि और बैच नंबर कुछ भी अंकित हैं। खाद्य विभाग की टीम ने इलायची दाना के पैकेट को जब्त कर लिया है और उनके सेंपल लिए हैं।

वहीं इस खुलासे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि माता बम्लेश्वरी देवी को चढ़ने वाला भोग प्रसाद का ऐसी जगह पर बनना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इसे हिंदूओं की आस्था पर कुठाराघात बताया।