भोपाल। हिंदी हैं हम वतन है हिंदोस्तां हमारा…ये लाइनें अल्लामा इकबाल द्वारा लिखे गए “सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा” की हैं, लेकिन आज हम इधर-उधर की बात न करते हुए सीधे मुद्दे पर आते हैं। वो मुद्दा है एक ऐसी भाषा जो कई देशों में बोली जाती है। जो राजभाषा तो बनीं लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद…आज पूरा देश उसी भाषा को लेकर तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है।(Hindi Diwas 2024)
हिंदी दिवस की शुरुआत
ये भाषा है हिंदी…और पूरा देश आज हिंदी दिवस मना रहा है, इसमें से बहुत कम ही लोग होंगे जिनको ये जानकारी होगी कि जिस दिवस को वो आज हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं उसके पीछे भी एक लंबा इतिहास छुपा है। हिंदी दिवस के इस मौके पर हम आपको बताएंगे कि हिंदी दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई ? लेकिन उससे पहले आप सभी को हिंदी दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं…(Hindi Diwas 2024)
पं. जवाहर लाल नेहरू ने किया था तारीख का चुनाव
14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की एक नहीं,बल्कि दो वजह है। दरअसल, यह वही दिन है, जब साल 1949 में लंबी चर्चा के बाद देवनागरी लिपि में हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा घोषित किया गया था। इसके लिए 14 तारीख का चुनाव खुद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने किया था। वहीं, इस दिन को मनाने के पीछे एक और खास वजह है, और एक मशहूर हिंदी कवि से जुड़ी हुई है।(Hindi Diwas 2024)
हिंदी के महत्व को बढ़ावा देना मकसद
इस दिन को मनाने की शुरुआत पहली बार साल 1953 में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सुझाव पर की गई थी। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण हिंदी के महत्व को बढ़ाना तो था ही, लेकिन इसी दिन महान हिंदी कवि राजेंद्र सिंह की जयंती भी होती है। भारतीय विद्वान, हिंदी-प्रतिष्ठित, संस्कृतिविद, और एक इतिहासकार होने के साथ ही उन्होंने हिंदी को आधिकारिक भाषा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।(Hindi Diwas 2024)
हिंदी का नाम “हिंदी” इसलिए पड़ा
आप सभी हिंदी दिवस के इतिहास के बारे में तो जान चुके हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं आखिर हिंदी भाषा का नाम हिंदी कैसे पड़ा? अगर नहीं, तो चलिए आपको इसके बारे में भी बताते हैं। शायद भी आप जानते होंगे कि असल में हिंदी नाम खुद किसी दूसरी भाषा से लिया गया है। फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिए गए हिंदी नाम का मतलबसिंधु नदी की भूमि होता है। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में फारसी बोलने वाले लोगों ने सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ का नाम दिया था।(Hindi Diwas 2024)
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इन देशों में भी बोली जाती है हिंदी
जैसा कि हमनें बताया कि हिंदी सिर्फ भारत में ही सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा नहीं है, यह दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली चौथी भाषा है। भारत के अलावा कई अन्य देश ऐसे हैं, जहां लोग हिंदी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इन देशों में नेपाल, मॉरीशस, फिजी, पाकिस्तान, सिंगापुर, त्रिनिदाद एंड टोबैगो,बांग्लादेश शामिल हैं।