रायपुर। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह को दर्शाता है। रक्षाबंधन के दिन बहनें पूजा-अर्चना करके भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर लंबी उम्र की कामना करती हैं। कई भाई बहन तो इस पर्व के लिए एक मिसाल के तौर पर बन जाते हैं। जिनमें से कुछ का हम आज जिक्र करेंगे।(Raksha Bandhan 2024)
बहन ने दी भाई के जीवन को नई दिशा
रायपुर की 35 वर्षीय अंजलि देशपांडे और पार्थ सारथी देशपांडे भाई-बहन के प्रेम की अनूठी मिसाल पेश कर रहे हैं। पार्थ देशपांडे सीखने में अधिक समय लेता है, लेकिन अंजलि अपने भाई का बखूबी ध्यान रखती है। पार्थ को बचपन से खाना बनाने का शौक था। इसको लेकर अंजलि ने भाई के लिए टिफिन सर्विस शुरू करवाई। अब कोपलवाणी में भाई-बहन दिव्यांग बच्चों की देखभाल करते हैं। दोनों के बीच आपसी सहयोग और स्नेह की भावना है। यही स्नेह-भाव उन्हें आगे बढ़ा रहा है।(Raksha Bandhan 2024)
भाई को अंगदान कर दिया नया जीवन
वहीं 30 वर्षीय सुरभि आगिचाई और 28 वर्षीय शुभम आगिचाई ने भी भाई-बहन के बीच त्याग की मिसाल पेश की है। सुरभि बताती हैं कि भाई के लिवर में इंफेक्शन के कारण शरीर में कुछ परिवर्तन दिखने लगा था। जब रायपुर के अस्पताल में डॉक्टर से परीक्षण करवाया तो किडनी बदलने की सलाह दी गई।(Raksha Bandhan 2024)
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चेन्नई में ट्रांसप्लांट हुई किडनी
उन्होंने बताया कि इसके बाद मैं और सबसे छोटे भाई संस्कार किडनी मैच कराने पहुंचे। मेरी किडनी भाई की किडनी के साथ मैच हो गई। इसके बाद चार अगस्त को चेन्नई में सफल आपरेशन हुआ। शुरुआत में घरवाले मेरे फैसले से खुश नहीं थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसका स्वागत किया।
मूकबधिर भाई का साथ देने के लिए बहन ने रायपुर में बसाई गृहस्थी
इतना ही नहीं गरियाबंद जिले के रहने वाले आलोक मूकबधिर हैं। इसके कारण उन्हें पढ़ाई और नौकरी के लिए कई समस्या झेलनी पड़ीं, लेकिन उनकी बहन रानी ने अपने भाई का बखूबी साथ दिया। कोपलवाणी से 12वीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद आलोक ने कंप्यूटर शिक्षा ली और रायपुर में ही निजी संस्थान में नौकरी करने लगे। भाई को कोई समस्या न हो, इसलिए बहन अपने पति के साथ रायपुर में रहने लगी। यहां रहकर वह अपने भाई आलोक का ध्यान रखती है।