भोपाल। एमपी के सिंगरौली में हुए बोरवेल हादसे के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) एक्शन मोड में हैं। उन्होंने खुले बोरवेल के वेरीफिकेशन सर्टिफिकेट में लापरवाही बरतने पर जिले में पदस्थ सहायक यंत्री और चितरंगी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। सीएम डॉ. यादव ने अपने एक्स हैंडल से इसकी जानकारी दी।
उन्होंने (CM Mohan Yadav) लिखा, ‘सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत चितरंगी के एक गांव में 3 वर्षीय बालिका के खुले बोरवेल में गिरने से कल दुखद मृत्यु हुई थी। इसमें खुले बोरवेल/नलकूप/ट्यूबवेल के सत्यापन प्रमाण पत्र में लापरवाही बरतने वाले सिंगरौली जिले में पदस्थ सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, उपखंड देवसर एवं तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत चितरंगी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए हैं।’
सीएम ने आगे लिखा, ‘प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को स्पष्ट किया है कि भविष्य में ऐसी अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।’
सिंगरौली जिले की जनपद पंचायत चितरंगी के एक गांव में 3 वर्षीय बालिका के खुले बोरवेल में गिरने से कल दुखद मृत्यु हुई थी। इसमें खुले बोरवेल/नलकूप/ट्यूबवेल के सत्यापन प्रमाण पत्र में लापरवाही बरतने वाले सिंगरौली जिले में पदस्थ सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, उपखंड देवसर…
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 30, 2024
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खेलते समय गिरी थी बच्ची
घटना सोमवार की है जहां एक तीन साल की मासूम बच्ची सौम्या खेलते समय 100 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर गई थी। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया। लगभग 5 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद SDRF की टीम ने मासूम को बोरवेल के गड्ढे से बाहर निकाला था।
हालत खराब होने पर उसे इलाज के लिए तुरंत बच्ची को अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बता दें कि यह घटना जिस दिन हुई थी, उस दिन सौम्या का जन्मदिन था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना जिले के बरगंवा थानांतर्गत आने वाले कसर गांव की है। यहां के निवासी रामप्रसाद साहू सोमवार की शाम करीब 4 बजे अपनी बच्ची सौम्या को लेकर खेत पहुंचे थे। इसके बाद वह काम में व्यस्त हो गया और बच्ची खेलते-खेलते खुले बोरवेल के करीब पहुंच गई। इस दौरान वह गड्ढे में गिर गई।
घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंची। कलेक्टर के आदेश पर तत्काल प्रभाव से बचाव कार्य शुरू करवाया गया। बोरवेल के पास खुदाई करवाई गई और 5 घंटे के बाद बच्ची को बाहर निकाला गया था। हालांकि इतनी मशक्कत के बाद भी बच्ची को नहीं बचाया जा सका।