रायपुर। विधानसभा में आज डेंगू, मलेरिया और डायरिया से मौत का मामला जोर शोर से उठा। इस मामले पर विपक्ष ने जहां स्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए सदन में चर्चा की मांग की। वहीं स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए शुक्रवार को इस विषय पर चर्चा कराने का आश्वासन विपक्ष को दिया।(Kedar Kashyap)

‘अस्पतालों में दवा नहीं, जांच की व्यवस्था नहीं’

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि प्रदेश की हालत बेहद ख़राब है। अस्पतालों में दवा नहीं है, सरकारी अस्पतालों में जांच की व्यवस्था नहीं है। गरीब परिवार के लोग मलेरिया और डायरिया से ज्यादा पीड़ित हैं। गरीबों को कहा जा रहा है कि प्राइवेट लैब से जांच करा लें। कई मरीज़ों की मृत्यु भी हो गई है। कांग्रेस विधायक भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेशभर से डेंगू, मलेरिया और डायरिया से पीड़ित लोगों के मामले सामने आ रहे हैं। इससे मौतें हो रही है।(Kedar Kashyap)

संसदीय कार्यमंत्री ने विपक्ष पर कसा तंज

वहीं, विपक्ष द्वारा स्थगन प्रस्ताव लगाने को लेकर संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोगों का काम है कि वह बेवजह हल्ला मचाएं। कांग्रेस के कार्यकाल में पीलिया से 10 से 12 लोगों की मौत हुई थी तब कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी थी। इतना ही नहीं कोंटा जैसे क्षेत्र के रेगड़गट्टा में 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अमले ने वहां पहुंचने की कोशिश तक नहीं की।(Kedar Kashyap)

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‘सरकार मजबूती से काम कर रही, विपक्ष के पेट में दर्द हो रहा है’

संसदीय कार्यमंत्री ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल और तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव की आपसी लड़ाई का खामियाजा पूरे विभाग को भुगतना पड़ा था। आज स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने में सीएम साय और स्वास्थ्य मंत्री मजबूती से काम कर रहे हैं तब विपक्ष को पीड़ा हो रही है।