भोपाल। मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों में अब कुलपतियों को कुलगुरु (vice chancellor) कहकर बुलाया जाएगा। सोमवार को हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर मुहर लगी। सीएम ने इस बारे में कहा कि यह नामकरण हमें अपनी गुरू परंपरा से जोड़ता है।

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इस संबोधन में आत्मीयता, स्नेह और सम्मान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, ‘प्रदेश (vice chancellor) में नागरिकों के कल्याण और उन्हें अपनी संस्कृति से जुड़ने से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं। निरंतर लिए जा रहे ऐसे फैसलों से विभिन्न क्षेत्रों में व्यवस्था से जुड़े आवश्यक सुधार भी हो रहे हैं। इस क्रम में विश्वविद्यालयों के कुलपति को कुलगुरू (vice chancellor) का संबोधन देने का निर्णय लिया गया। इस संबोधन में आत्मीयता, स्नेह और सम्मान का भाव भी निहित है। कैबिनेट द्वारा इन निर्णय का अनुमोदन किया गया।’

यह हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप

मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि जुलाई में ही गुरू पूर्णिमा का त्यौहार भी आ रहा है और कुलपतियों को कुलगुरु कहना हमारी सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप है। यह नामकरण हमें अपनी गुरू परंपरा से जोड़ता है। उन्होंने आगे कहा कि देश के अन्य राज्यों ने भी इस नामकरण में रुचि दिखाई है और इसकी प्रतियों की मांग की है।

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उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए रखा था प्रस्ताव

बता दें कि जब सीएम मोहन यादव तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री थे, तब भी उन्होंने कुलपति का नाम बदलकर कुलगुरु करने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि उस दौरान उनके इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई थी।

छोड़े नहीं जाएंगे गोवध के आरोपी

इसके अलावा गोवंश को मारने की मंशा से उनका अवैध परिवहन करने वालों पर भी सीएम ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, ऐसा अवैध काम करने वाले वाहन कई बार कोर्ट से छूट जाते हैं। लेकिन. अब ऐसा नहीं होगा। उनके वाहन कलेक्टर द्वारा जब्त होंगे और उन्हें किसी भी कंडीशन में बख्सा नहीं जाएगा।