भोपाल। चंद्रशेखर सिंह का जन्म 1 जुलाई 1927 को उत्तर प्रदेश के इब्राहिमपट्टी में एक राजपूत किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने सतीश चंद्र पीजी कॉलेज से कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की । उसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्ययन किया, जहां उन्होंने 1950 में राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त ली।(Chandrashekhar Singh)
सियासी सफर
अपने छात्र जीवन से ही चंद्रशेखर सिंह राजनीति की ओर आकर्षित थे, उन्होंने डॉ. राम मनोहर लोहिया के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी की। उन्हें क्रांतिकारी जोश वाले एक तेजतर्रार आदर्शवादी के रूप में जाना जाता है। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, वो समाजवादी आंदोलन में शामिल हो गए और बलिया जिले के प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (PSP) के सचिव चुने गए। चंद्रशेखर सिंह (Chandrashekhar Singh) ने जल्द ही उत्तर प्रदेश में पार्टी के महासचिव का पदभार संभाल लिया।
1962 में बने राज्यसभा सांसद
साल 1962 में वो उत्तर प्रदेश से स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए और एक सांसद के रूप में अपना करियर शुरू किया। जनवरी 1965 में वो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए और 1967 में कांग्रेस संसदीय दल के महासचिव बने। वहीं साल 1968 में वो उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के टिकट पर फिर से राज्यसभा के लिए चुने गए। (Chandrashekhar Singh)
यंग इंडियन की स्थापना की
1969 में उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक यंग इंडियन की स्थापना की और उसका संपादन किया । चंद्रशेखर सिंह (Chandrashekhar Singh)इसके संपादकीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष थे। आपातकाल के दौरान यंग इंडियन को बंद कर दिया गया था और फरवरी 1989 में इसका नियमित प्रकाशन फिर से शुरू हुआ।
1984 को छोड़कर सभी चुनाव जीते
वहीं, 2 मार्च 1977 को बलिया से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया। 1984 के चुनाव को छोड़कर चंद्रशेखर सिंह (Chandrashekhar Singh) 1977 से 2004 तक सभी लोकसभा चुनाव जीतते रहे।
कांग्रेस नेता होने के बावजूद जेल बंद रहे
कांग्रेस पार्टी के राजनेता होने के बावजूद, उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा आंतरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत लगाए गए आपातकाल के दौरान पटियाला जेल भेज दिया गया था। जेल में रहने के दौरान उन्होंने एक डायरी लिखी जो ‘मेरी जेल डायरी’ शीर्षक से प्रकाशित हुई।
जनता पार्टी में शामिल हुए
इसके बाद चंद्रशेखर सिंह कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी में शामिल हो गए, जिसने 1977 के भारतीय आम चुनाव के बाद मोरारजी देसाई के नेतृत्व में सरकार बनाई। उस समय चंद्रशेखर जनता पार्टी के अध्यक्ष थे।
जनता दल सोशलिस्ट गुट बनाया
1980 और 1984 के आम चुनाव जनता पार्टी के लिए फ़ायदेमंद साबित नहीं हुए। 1984 में जनता पार्टी ने वीपी सिंह के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई। हालांकि, चंद्रशेखर के गठबंधन से रिश्ते खराब हो गए और उन्होंने जनता दल सोशलिस्ट गुट बना लिया।
कन्याकुमारी से नई दिल्ली तक पदयात्रा की
चंद्रशेखर सिंह ने 1983 में जनता के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने और उनकी ज्वलंत समस्याओं को समझने के लिए 6 जनवरी 1983 से 25 जून 1983 तक कन्याकुमारी से नई दिल्ली में राजघाट (महात्मा गांधी की समाधि) तक लगभग 4260 किलोमीटर की पदयात्रा की।
राजीव गांधी के समर्थन से बने प्रधानमंत्री
राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस के समर्थन से उन्होंने नवंबर 1990 में प्रधानमंत्री वीपी सिंह को सत्ता से हटा दिया । उन्होंने 64 सांसदों और विपक्ष के नेता राजीव गांधी के समर्थन से विश्वास प्रस्ताव जीता और भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक भारत के 8वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया।
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8 जुलाई 2007 को निधन
चन्द्रशेखर सिंह ने अपने 80 वें जन्मदिन के सात दिन बाद यानी कि 8 जुलाई 2007 को गंभीर बीमारी के चलते नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में दम तोड़ दिया। उनके निधन के बाद भारत सरकार ने सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया था।