भोपाल। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश में जिस तरह की हार मिली है उससे उबर पाना आसान नहीं है। ऐसी हार की उम्मीद कांग्रेस (Congress Committee) हाई कमान को भी नहीं होगी। हार भी ऐसी कि कांग्रेस कमलनाथ की छिंदवाड़ा और दिग्विजय सिंह की राजगढ़ सीट भी हार गई। कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली जबकि बीजेपी ने सभी 29 सीटें जीत कर क्लीन स्वीप किया।

भोपाल आएगी तीन सदस्यीय कमेटी

चुनावी नतीजों से चिंतित कांग्रेस (Congress Committee) नेतृत्व ने हार के कारणों की समीक्षा करने के लिए कमेटी का गठन किया है। अब ये तीन सदस्यीय कमेटी 29 जून यानी कि शनिवार को भोपाल आ रही है। इस फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण,ओडिशा के नेता सप्तगिरि उलाका और गुजरात के जिग्नेश मेवाणी शामिल हैं। ये तीनों सदस्य दो दिन भोपाल में रहकर सभी संबंधित नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे। इस दौरान कमेटी ये जानने की कोशिश करेगी कि प्रदेश में पार्टी की इस हार की वजह क्या रही।

हाईकमान को सौंपी जाएगी रिपोर्ट

जानकारी के मुताबिक ये कमेटी 29 और 30 जून को वरिष्ठ नेताओं के अलावा सभी उम्मीदवारों से बातचीत करेगी। कमेटी के सदस्य पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों समेत अन्य नेताओं से चुनाव में उनकी भूमिका को लेकर भी वार्ता करेंगे। उसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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प्रत्याशियों ने सहयोग नहीं मिलने के लगाए थे आरोप

बता दें कि, चुनाव के बाद हुई समीक्षा बैठक में कई प्रत्याशियों ने संगठन से मदद न मिलने का आरोप लगाया था। प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 2 सीटों पर कांग्रेस मैदान से ही बाहर थी। खजुराहो सीट समझौते में सपा को दी थी लेकिन सपा प्रत्याशी का नामांकन रद्द हो गया और इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना नामांकन ही वापस ले लिया था। जिसके बाद सिर्फ 27 लोकसभा सीटों में कांग्रेस मैदान में थी। लगभग आधा दर्जन सीटों में कांग्रेस को मुकाबले में माना जा रहा था। इनमें से कुछ सीटें जीतने की भी उम्मीद थी। प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी का दावा था कि हम दो डिजिट में सीटें जीत कर सभी को चौंकाएंगे, लेकिन नतीजे में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली।