भोपाल: रायसेन जिले के सेहतगंज में स्थित सोम डिस्टलरी में बच्चों से शराब भरवाने (Child labor Case) का काम कराए जाने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच में लापरवाही बरतने पर प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी कन्हैया लाल अतुलकर, आबकारी उप निरीक्षक प्रीति उइके, शेफाली शर्मा और मुकेश श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। वहीं आबकारी विभाग के बाद अब श्रम विभाग ने भी बड़ी कार्रवाई करते हुए मंडीदीप के श्रम निरीक्षक राम कुमार श्रीवास्तव को भी निलंबित किया।

सीएम मोहन यादव ने मामले को बताया गंभीर

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि यह मामला बेहद गंभीर है। श्रम, आबकारी और पुलिस विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उचित( Child labor Case) कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एनसीपीसीआर अध्यक्ष के गंभीर आरोप

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि शराब फैक्ट्री से रेस्क्यू किए गए बच्चों को प्रशासन और शराब कंपनी के मालिक ने मिलकर गायब करा दिया है। शनिवार देर रात दिए गए बयान में कानूनगो ने बताया कि बच्चों (Child labor Case) को दोपहर साढ़े तीन बजे रेस्क्यू किया गया और फैक्ट्री मालिक पर कार्रवाई के लिए पुलिस को आवेदन दिया गया, लेकिन साढ़े सात बजे तक कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।

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एनसीपीसीआर ने छापा मारकर 59 बच्चे किए थे रेस्क्यू

रायसेन जिले में शराब बनाने की नामी फ्रैक्ट्री पर छापे में 59 बाल मजदूर मुक्त कराए गए थे।बचपन बचाओ आंदोलन की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने छापेमार कार्रवाई की थी।जिसमें 59 बच्चे बालश्रम करते मिले थे। इन बच्चों में कुछ लड़कियां भी थीं। बाल मजदूरी की रोकथाम के लिए कार्रवाई की गई थी।