भोपाल। जिस दौर में छोटे से छोटे सरकारी कार्यालय सीसीटीवी की देखरेख में चल रहे हों। वहीं प्रदेश की सियासत का पॉवर सेंटर यानी कि मंत्रालय के ही सीसीटीवी बंद (Revealed in report) होने की बात सामने आए, तो आश्चर्य तो बनता है। आश्चर्य इस बात को लेकर भी है कि सीसीटीवी न हों तो अलग बात है, सीसीटीवी हों और वो घटना के समय पर बंद हों। ये कोई कहानी नहीं है बल्कि अधिकारियों की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है।
जांच कमेटी ने मुख्य सचिव को सौंपी रिपोर्ट
दरअसल, 9 मार्च को हुए मंत्रालय के अग्निकांड को लेकर बनाई गई जांच कमेटी (Revealed in report)ने गुरुवार को मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट ने सभी को चौंकने पर मजबूर कर दिया है। अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में बनाई गई इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि जिस वक्त अग्निकांड हुआ उस समय बिजली की वायरिंग सही नहीं थी और सीसीटीवी कैमरे भी बंद थे।
कैमरे बंद थे
मुख्य सचिव द्वारा बुलाई गई बैठक के दौरान कमेटी ने ये रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद मुख्य सचिव ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर नाराजगी भी जताई। कमेटी ने यह लिखा है कि पांचवी मंजिल जहां सबसे ज्यादा आग लगी थी वहां लगे कैमरे भी बंद थे। पांच मंजिला भवन के किसी फ्लोर पर छह और किसी में दस खुफिया कैमरे लगे हैं।
जिले के कलेक्टर और एसपी पर गिरी गाज, निलंबित
पहले किए गए निरीक्षण में भी बंद थे कैमरे
बता दें कि कमेटी द्वारा पहले किए गए निरीक्षण के दौरान भी सीसीटीवी कैमरे बंद होना पाया गया था। इतना ही नहीं सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने इस रिपोर्ट में पीडब्ल्यूडी को 18 मार्च को भेजी गई एक नोट शीट का भी जिक्र किया है।12 लाइन की इस नोट शीट की 6 वीं और 7वीं लाइन में यह स्पष्ट लिखा गया है कि जांच कमेटी द्वारा किए गए स्थल निरीक्षण में सीसीटीवी कैमरे काफी समय से अक्रियाशील पाए गए हैं।
कांग्रेस को क्यों आई ‘औरंगजेब’ की याद…?
वल्लभ भवन की एक बिल्डिंग में लगी थी आग
दरअसल,9 मार्च को मंत्रालय के गेट नंबर 5 औऱ 6 के बीच बनी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल में आग लग गई थी। तेज हवा के चलते आग ने चौथी, पांचवी और 6 वीं मंजिल को भी अपनी चपेट में ले लिया था। सूचना मिलने के बाद दमकल की लगभग 40 गाड़ियों ने आग पर काबू पाया था। इस अग्निकांड में कई जरूरी दस्तावेजों के जलने की बात सामने आई थी।