भोपाल। वर्षा ऋतु को लेकर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट (tulsiram silawat) काफी ज्यादा गंभीर नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने अभी से अधिकारियों को सख्त निर्देश दे दिए हैं। जिसके बाद ये साफ हो गया है कि बांधों से जुड़े आपदा प्रबंधन(disaster management meeting)के कार्य की मानिटरिंग के लिए 11 सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी। ये समिति निरंतर इन कार्यों की समीक्षा करेगी और रिपोर्ट देगी। प्रदेश की सभी वृहद परियोजनाओं के बांधों के सभी गेट का परीक्षण किया जाएगा, जिससे समय पर वो सही तरीके से कार्य करें। इतना ही नहीं विभिन्न बांधों से पानी छोड़ने से पहले सूचना देने की भी पुख्ता व्यवस्था होगी। साथ ही साफ निर्देश दिए गए हैं कि आगामी चार माह में अनिवार्य कार्य के अलावा जन संसाधन विभाग में किसी की भी छुट्टी स्वीकृत नहीं की जाएगी।

मंत्री सिलावट खुद करेंगे आपदा प्रबंधन के कार्यों की समीक्षा

विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट (tulsiram silawat) ने ये निर्देश दिए हैं। जानकारी के मुताबिक जिला स्तर, बेसिन स्तर और राज्य स्तर पर बाढ़ नियंत्रण प्रकोष्ठ का गठन कर लिया गया है, जो कि आगामी 15 जून से 15 अक्टूबर तक संचालित होंगे। मंत्री सिलावट ने कहा कि वह स्वयं हर बेसिन पर जाकर आपदा प्रबंधन (disaster management meeting)के कार्यों की समीक्षा करेंगे।

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‘संबंधित विभागों के समन्वय से आपदा प्रबंधन की पूरी की जाएं तैयारियां’

मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि जल संसाधन विभाग के अंतर्गत 33 वृहद परियोजनाओं, 115 मध्यम सिंचाई परियोजना और 5693 लघु सिंचाई परियोजनाओं के अंतर्गत आने वाले सभी जल स्रोतों की तुरंत आवश्यक मरम्मत और रख-रखाव किया जाए। साथ ही सभी स्तरों पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाए जाएं और संबंधित विभागों के समन्वय से आपदा प्रबंधन की सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी कच्ची नहरों को पक्का करने के लिए भी योजना बनाई जाए। जिन नहरों में मरम्मत की आवश्यकता हो, उनकी तुरंत मरम्मत कराएं। विभागीय कार्यों की एक, दो और पांच वर्ष की कार्य योजना बनाई जाए।