MP की बहुचर्चित सीटों में शामिल भोपाल लोकसभा सीट से भले ही बीजेपी प्रत्याशी आलोक शर्मा रिकॉर्ड वोट से जीते हों, लेकिन इस सीट पर एक रोचक मुकाबला भी रिटायर्ड स्पेशल डीजी और सिपाही के बीच भी हुआ। हैरत की बात है कि जाना माना नाम स्पेशल डीजी मैथिलीशरण गुप्त एक अदने से रिटायर्ड सिपाही बाबूलाल सेन से वोट संख्या में हार गए। उन्हें बाबूलाल सेन से भी कम वोट मिले। देखिए भोपाल से रोचक स्टोरी… DG V/s Constable
लोकसभा चुनाव 2024
-भोपाल सीट पर स्पेशल डीजी V/S सिपाही
-रिटायर्ड सिपाही को मिले DG से ज्यादा वोट
-भोपाल सीट से लड़ रहे थे लोकसभा चुनाव
-रिटायर्ड सिपाही बाबूलाल सेन को मिले 720 वोट
-रिटायर्ड IPS मैथिलीशरण गुप्त को मिले 427 वोट
भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला था। ये सीट बीजेपी का गढ़ रही। बीजेपी रिकाॅर्डतोड़ वोट से जीती भी। इस सीट पर बीजेपी, कांग्रेस के साथ 22 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इनमें एक रिटायर्ड सिपाही बाबूलाल सेन मौलिक अधिकार पार्टी से खड़े हुए, तो, आईपीएस रैंक के पूर्व स्पेशल डीजी मैथिलीशरण गुप्त ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा। हार जीत में इन दोनों का कोई रोल नहीं रहा। लेकिन इस चुनाव में रिटायर्ड सिपाही बाबूलाल सेन और पूर्व डीजी मैथिलीशरण गुप्त के बीच हुआ वोट अंतर का मुकाबला भी चर्चा का विषय बना रहा। दोनों इस चुनाव में हारे और एक हजार का आंकडा भी पार नहीं कर पाये। इनकी जमानत भी जप्त हो गई। DG V/s Constable
लोकप्रियता में सिपाही ने पूर्व डीजी को छोड़ा पीछे
-भोपाल में रहने के बावजूद स्पेशल डीजी को नहीं मिला समर्थन
-सोशल मीडिया की सक्रियता डीजी के नहीं आई काम
-रिटायर्ड सिपाही बाबूलाल का नहीं है कोई खास परिचय
-रीवा के रहने के बावजूद सिपाही को मिले सबसे ज्यादा वोट DG V/s Constable
उम, अनुभव और जमीनी पकड़ के मामले में सिपाही के मुकाबले स्पेशल डीजी आगे हैं। 63 साल के पूर्व डीजी मैथिलीशरण गुप्त लंबे समय से भोपाल के कोलार में रह रहे हैं। जबकि 59 साल के बाबूलाल सेन अधिकांश समय रीव में रहे। उन्होंने स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ली। वह मैथिलीशरण गुप्त के मुकाबले कम सक्रिय रहे। इसके बाद भी लोकसभा चुनाव में बाबूलाल सेन को 720 वोट और मैथिलीशरण गुप्त को कुल 427 वोट मिले। इस वोट अंतर के मुकाबले में पूर्व सिपाही को डीजीपी से 293 वोट ज्यादा मिले। DG V/s Constable
भोपाल से 22 उम्मीदवारों ने लड़ा चुनाव
-19 उम्मीदवार नोटा से भी हारे
-सभी की जमानत हुई जब्त
-जमानत बचाने के लिए कुल वोट का 1.66 प्रतिशत वोट मिलना चाहिए
-जमानत राशि बचाने के लिए 25 हजार वोट लाना था जरूरी
-6573 वोट पाकर चौथे नंबर पर रहा नोटा
-एक हजार से कम मत पर सिमटे छोटे दल के उम्मीदवार
भोपाल सीट से बीजेपी, कांग्रेस और बसपा को छोड़कर 10 राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहे थे। इनमें से 790 वोट रिपब्लिकन पार्टी आफ इंडिया, छत्रपति शिवाजी भारतीय गरीब पार्टी ने प्राप्त किए हैं। जबकि बाकी अन्य पार्टियों में भारतीय शक्ति चेतना पार्टी 588, क्रांति जन शक्ति पार्टी को 575 वोट मिले हैं। इन छोटे दलों और उम्मीदवारों में सबसे रोचक मुकाबले की कहानी रिटायर्ड स्पेशल डीजी और रिटायर्ड सिपाही की सामने आई। DG V/s Constable
-मनोज राठौर